जानिए क्या है सूचना का अधिकार (RTI) , इसके लिए यहां करें ऑनलाइन आवेदन

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जानिए क्या है सूचना का अधिकार (RTI) , इसके लिए यहां करें ऑनलाइन आवेदन

आरटीआई एक्ट 2005 यानी सूचना का अधिकार की बात करें तो यह अधिकार उन सभी नागरिकों के पास होता है जो भारत की नागरिकता रखते हैं। जैसा कि हम जानते हैं भारत एक लोकतंत्रिक देश है, जहां सबके पास अपने जीवन का निर्वहन करने की पूरी आजादी है। हर व्यक्ति को खुद से जुड़े सभी फैंसले लेने के साथ-साथ अपनी राय रखने का संपूर्ण अधिकार प्राप्त है। अब आरटीआई अधिनियम की बात करते हैं जो कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाता है। दरअसल, इस कानून के अंतर्गत जनता को सूचना प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त होता है। पहले यह अधिकार सिर्फ जनप्रतिनिधियों के पास होता था, लेकिन बाद में इस कानून को आमजनता को भी ट्रांस्फर कर दिया गया।

इस कानून का उपयोग यदि सही ढंग से किया जाए, तो भ्रष्टाचार जैसे विकारों से देश की व्यवस्था को बचाया जा सकता है। लेकिन इस कानून का दुरउपयोग किया जाए, जैसे कि इकट्ठा जानकरियों को दुश्मन देश के साथ साझा किया जाने लगे, तो इससे देश की व्यवस्था की गति में रूकावट आ सकती है। यही कारण है कि इस कानून के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जनता संग कुछ जानकारियों को साझा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

सूचना का अधिकार यानि आरटीआई एक्ट 2005 का अर्थ क्या है?

आरटीआई जिसे सूचना का अधिकार भी कहा जाता है। इस कानून के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी कार्यलय या संस्थान से अपनी आरटीआई दर्ज कराके किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, इस अधिनियम में जनता को सरकार से सीधे तौर पर सवाल पूछने का अधिकार प्राप्त होता है। कोई भी राष्ट्र सूचना का अधिकार अपने नागरिकों को देता है, जिसके द्वारा वह अपनी कार्यव्यवस्था और कार्यप्रणाली को सार्वजनिक करता है। साथ ही यह एक्ट प्रशासनिक कार्यों में जनता की सहभागिता को काफी हद तक बढ़ता है।

आरटीआई एक्ट के अस्तित्व से जुड़े कुछ खास पहलू

बता दें कि 15 जून 2005 को आरटीआई एक्ट 2005 को भारत में अधिनियमित किया गया। 12 अक्टूबर 2005 को इस एक्ट को पूरी तरह से सभी धाराओं के साथ लागू कर दिया गया। इस कानून को अंग्रेजी में राईट टू इंफॉरमेशन भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है ‘सूचना पाने का अधिकार’। सूचना का अधिकार जम्मू कश्मीर को छोड़कर देश के सभी राज्यों में लागू होता है। जम्मू कश्मीर में ‘जे एंड के आरटीआई’ लागू होता है।

सूचना का अधिकार क्यों उपयोगी है?

  • इस कानून से देश की व्यवस्था में पारदर्शिता आती है।
  • सूचना का अधिकार देश के हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा के लिए काफी अहम माना जाता है।
  • यह कानून देश के हर नागरिक को मजबूत बनाता है साथ ही देश को भ्रष्टाचार, बेईमानी जैसी बुराइयों से भी बचाता है।
  • इस कानून की सहायता से कोई भी नागरिक अपनी जिन्दगी से जुड़ी किसी भी प्रकार की निजी जानकारियां प्राप्त कर सकता है। जैसे कि पासपोर्ट, प्रोविडेंट एंड फंड, टैक्स फंड या फिर पेंशन से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
  • इस कानून का प्रयोग करके लोग बिजली-पानी समस्या, संड़को की मरम्मत फंड आदि से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

आखिर सूचना का अधिकार का प्रयोग क्यों किया जाता है?

  • यदि किसी प्रकार की सरकारी सेवा में देरी हो रही हो, तो आप इस कानून की सहायता से अपना काम करा सकते हैं। जैसे कि पासपोर्ट रिन्यू कराने में समस्या हो रही है , तो आप आवेदन जमा करके इस समस्या से निजात पा सकता हैं। दरअसल, सरकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार अपनाया जाता है, जिस वजह से अक्सर सरकारी सेवाएं आम जनता तक देरी से पहुंचती हैं।
  • इस कानून का उपयोग किसी भी संस्थान की निष्क्रियता पर सवाल उठाने के लिए भी किया जाता है। इसके अंतर्गत आप किसी भी संस्थान की डॉक्यूमेंट कॉपी ले सकते हैं और उस संस्थान द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर सकते हैं।

आरटीआई एक्ट संबंधित कुछ अहम नियम इस प्रकार हैं

  • इस कानून के तहत एक भारतीय नागरिक ही आवेदन जमा करा सकता है और सरकारी कार्यालय से आवश्यक सूचना प्राप्त कर सकता है।
  • इस कानून के मुताबिक आप किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पब्लिक अथॉरिटी में राज्य, केंद्रिय और स्थानीय संस्थान शामिल हैं।
  • इस एक्ट में कई संस्थानों को अलग भी रखा गया है। जैसे कि इसमें सिक्यूरीटी और इंटेलिजेंस एजेंसी को शामिल नहीं किया गया है।
  • इस कानून के तहत आवेदन में आवेदक को संस्थान का बिल्कुल सही नाम भरना पड़ता हैं, जहां से वह जानकारियां प्राप्त करना चाहता हो।
  • आवेदक को आवेदन के साथ आवेदन शुल्क भेजन होता है। आवेदन शुल्क की राशि 8 से 10 रूपए की होती है। यदि कोई व्यक्ति गरीबी रेखा से नीचे है तो कोई आवेदन शुल्क नहीं लगता है। हलांकि अलग-अलग राज्यों में यह राशि भिन्न-भिन्न है, जो कि 8 से 100 रूपए के बीच होती है।
  • इस कानून के तहत आवेदक को 30 दिनों के अंदर परिणाम प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा यदि अतिआवश्यक दस्तावेज हो तो उसकी जानकारी 48 घण्टों के भीतर भी प्राप्त की जा सकती है।
  • यदि आवेदन में आवेदक द्वारा भरी गयी डिटेल सही नहीं होती है, तो इस स्थिति में आवेदन रिजेट भी हो सकता है।

आटीआई एक्ट के तहत ऐसे किया जाता है आवेदन

  • इस कानून के अंतर्गत आप आवेदन देने के लिए अपने हाथों से अपना आवेदन लिख सकते हैं। आवेदन लिखने के लिए कई ऑनलाइन सैंपल आपको मिल जाएंगें, जिनकी सहायता से आप आवेदन लिख सकते हैं।
  • इसके अलावा आपको आवेदन लिखने में कोई भी परेशानी होती है, तो ऐसे में आप सूचना अधिकारी की मदद ले सकते हैं।
  • बता दें कि केंद्र सरकार ने ऑनलाइन भी आवेदन फॉर्म जारी कर दिया है। आवेदन फॉर्म को आप इस वेबसाइट https://rtionline.gov.in/ से प्राप्त कर सकते हैं और घर बैठे आवेदन शुल्क जमा करके अपना आवेदन जमा कर सकते हैँ।
  • यदि आप एक प्रवासी भारतीय हैं, तो भी अपना आवेदन ई-पोस्टल आर्डर की सहायता से इंडियन मिशंस में जमा कर सकते हैं।

 

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