जानिए क्या है मां दुर्गा के नौ नामों का अर्थ और क्या है चैत्र नवरात्र की महत्ता

0
durga

नई दिल्ली। हिंदु धर्म की आस्था देवी दुर्गा में काफी अधिक होती है। मां दुर्गा हिन्दुओं की प्रमुख देवी हैं और देवी दुर्गा को आदि शक्ति व बुद्धितत्व की जननी माना जाता है। वह अंधकार व अज्ञानता रुपी राक्षसों से रक्षा करने वाली तथा कल्याणकारी हैं। उनके बारे में मान्यता है कि वे शान्ति, समृद्धि तथा धर्म पर आघात करने वाली राक्षसी शक्तियों का विनाश करतीं हैं। दुर्गा देवी आठ भुजाओं से युक्त हैं और हर भुजा में कोई न कोई शस्त्रास्त्र जरुर होते है। सिंह की सवारी करने वाली मां दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध किया इसलिए उन्हे महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है।

durga

श्रीमददेवीभागवत के अनुसार वेदों और पुराणों की रक्षा और दुष्‍टों के दलन के लिए मां जगदंबा का अवतरण हुआ है। वहीं ऋगवेद के अनुसार माँ दुर्गा ही आदि-शक्ति है,उन्‍ही से सारे विश्‍व का संचालन होता है।

pooja चैत्र नवरात्र का महत्व :
पौराणिक मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि 2020 के पहले दिन मां दुर्गा का जन्म हुआ था। देवी दुर्गा के आदेश पर ही जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसलिए इस शुभ तिथि chaitra navratri को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिन्दू नववर्ष का प्रारंभ होता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान नव दुर्गा के नौ रूपों का ध्‍यान, उपासना व आराधना की जाती है तथा नवरात्रि के प्रत्‍येक दिन मां दुर्गा के एक-एक शक्ति रूप का पूजन किया जाता है।

pooja देवी दुर्गा के हर रुप की अलग कहानी तथा अलग ही महत्व है। देवी के जिन नौ स्वरूप की पूजा की जाती है उन नामों में ही उनके अर्थ भी स्पष्ट होते हैं-

pooja

जानिए नौ देवियों के नाम क्या है-

शैलपुत्री– इसका अर्थ – पहाड़ों की पुत्री होता है।
ब्रह्मचारिणी – इसका अर्थ- ब्रह्मचारिणी।
चंद्रघंटा – इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
कूष्माण्डा – इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
स्कंदमाता – इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
कात्यायनी – इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्म ली हुई।
कालरात्रि – इसका अर्थ- काल का नाश करने वाली।
महागौरी – इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
सिद्धिदात्री – इसका अर्थ- सर्वसिद्धि देने वाली।

pooja जानिए नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि chaitra navratri उत्सव देवी अंबा (विद्युत) का प्रतिनिधित्व है। वसंत की शुरुआत और शरद ऋतु की शुरुआत को जलवायु और सूरज के प्रभावों के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे मां दुर्गा की पूजा के लिए पवित्र अवसर माना जाता है। त्योहार की तिथियां चंद्र कैलेंडर के अनुसार निर्धारित होती हैं। नवरात्रि पर्व, मां-दुर्गा की अवधारणा भक्ति और परमात्मा की शक्ति (उदात्त, परम, परम रचनात्मक ऊर्जा) की पूजा का सबसे शुभ और अनोखा अवधि माना जाता है। यह पूजा वैदिक युग से पहले, प्रागैतिहासिक काल से होती आ रही है। तो फिर आप भी मां के नौ रुपों की आराधना में लीन हो जाएं।

Comments

comments

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here