कूड़े-कचरे का प्रयोग करके घर पर बनाएं कंपोस्ट खाद और कमाएं लाखों रूपए (How to make Compost in Hindi)

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कूड़े-कचरे का प्रयोग करके घर पर बनाएं कंपोस्ट खाद और कमाएं लाखों रूपए (How to make Compost in Hindi)

इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कैसा आप घर के कूड़े कचरे और खराब सब्जियों का प्रयोग करके कम्पोस्ट खाद बना सकते हैं और इसका प्रयोग करके फसल की पैदावार को बढ़ाकर लोखों रूपए की कमाई कर सकते हैं। जी हां दोस्तों आप यहा पर जानेंगे कि कम्पोस्ट खाद किसे कहते हैं,  कम्पोस्ट पिट यानी की गढ्ढा कैसा होना चाहिए, कम्पोस्ट खाद बनाने की पूरी विधि क्या है? कम्पोस्ट खाद से होने वाले फायदे कौन-कौन से हैं, कम्पोस्ट खाद बनाने की मशीन कौन सी है?

कम्पोस्ट किसे कहते हैं?

  • कम्पोस्ट (Compost) एक प्रकार की खाद है जो जैविक पदार्थों के अपघटन एवं पुनःचक्रण से प्राप्त की जाती है। यह जैव कृषि का मुख्य घटक है। इसको ‘कूड़ा खाद’ कहते हैं।
  • पौधों के अवशेष पदार्थ, घर का कूड़ा कचरा, मनुष्य का मल, पशुओं का गोबर आदि का जीवाणु द्वारा विशेष परिस्थिति में विच्छेदन होने से यह खाद बनती है।
  • अच्छी कम्पोस्ट खाद गन्द रहित भूरे या भूरे काले रंग का भुरभुरा पदार्थ होता है। इसके 0.5 से 1.0 प्रतिशत पोटाश एवं अन्य गौण पोषक तत्व होते हैं।
  • कम्पोस्ट बनाने का सबसे सरल तरीका है कि नम जैव पदार्थों (जैसे पत्तियाँ, बचा-खुचा खाना आदि) का ढेर बनाकर कुछ काल तक प्रतीक्षा करना ताकि इसका विघटन हो जाय।
  • विघटन में कुछ सप्ताह या महीने लगते हैं। उसके बाद वह ह्यूमस में बदल जाता है।

 

कम्पोस्ट खाद के फायदे (Benefits of Compost)

  • कम्पोस्ट (Compost) खाद फसल व पौधों के पोषक तत्वों में उच्च जैविक उर्वरता संचार करता है,  जो मिट्टी की भौतिक विशेषताओं में सुधार करता है।
  • कम्पोस्ट खेत में जैव अपशिष्ट को कम करता है और रोगजनकियों को खत्म करता है|
  • इस तरह से कम्पोस्ट (Compost) खाद जैविक खेती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • जैविक खाद का असर धीरे-धीरे किन्तु लम्बे समय के लिये होता है, जबकि रासायनिक खाद का असर कम समय के लिये फसलों पर तुरन्त दिखाई देता है।

 

 पौधों के लिए क्यों जरूरी है कंपोस्ट खाद?

  • पौधों के लिए पोषक तत्त्वों से भरपूर मिट्टी की बहुत आवश्यकता होती है।
  • यहां की मिट्टी में पोटाश और फॉस्फेट अच्छी मात्र में मिल जाता है, परंतु पौधों की वृद्धि व विकास के लिए अत्यंत आवश्यक तत्त्व नाइट्रोजन कम होता है और नाइट्रोजन उसे कम्पोस्ट द्वारा संतुलित रूप में उपलब्ध होता है।

 

घर के कूड़े-कचरे का उपयोग करके बनाएं कम्पोस्ट खाद (How to make Compost in Hindi)-

  • सबसे  कम्पोस्ट के लिए गड्ढा तैयार करते हैं। यह गड्ढा तीन फुट लंबा व तीन फुट चौड़ा होना चाहिए।
  • गड्ढे में पहले चारों तरफ पानी का छिड़काव करके उसे नम कर लें और उसमें पत्ते, पौधे, रसोई व घर का अन्य गलने योग्य कचरा 30 से.मी. ऊंचाई तक भर दें।
  • इस पर एक तह गोबर की बिछा दें। यदि गोबर न हो तो यूरिया की तह फैला दें। इसके बाद पुन: पानी का छिड़काव करके आप कूड़ा-कचरा, पत्ते आदि भर दें।
  • गोबर खाद में बैक्टीरिया पैदा करता है, जिसमें सड़ने-गलने की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है। इसके बाद पूरे गड्ढे को पांव से दबा दें और उस पर पर्याप्त पानी डाल दें। ये नमी कचरे को गलने व सड़ने में तेजी लाती है।

 

कम्पोस्ट खाद बनाने की मशीन

  • जैसा कि आपको मालूम है कि अभी तक खाद तैयार करने के लिए किसानों को एक वर्ष का समय लग जाता हैं, जो काफी लंबा समय था। इस समय को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की की मदद ली गई, जिनके द्वारा मशीन गाय को तैयार किया गया।
  • इस मशीन की खास बात यह है कि यह कंपोस्टिंग मशीन सात दिन में खाद तैयार कर देती है।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मशीन की संरचना गाय के पेट की तरह है। जिस तरह गाय के पेट में कई भाग होते हैं उसी तरह से मैकेनिकल काऊ कंपोस्टिंग मशीन के भी कई पार्ट हैं।
  • गाय के पेट में सूक्ष्मजीवी होते हैं, वैसे इस मशीन से खाद बनाने से पहले सूक्ष्मजीवी विकसित करने पड़ते हैं, जिसके लिए 40 से 50 दिनों का समय लग जाता है।
  • फिर इन सूक्ष्मजीवों के विकास के बाद इसमें खरपतवार, सब्जियों के कचरे डाले जाता हैं। इस तरह से फिर कचरा और सब्जियां कोम्पोस्ट में बदल जाता है।

 

वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) क्या है?

केंचुआ खाद या वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है। यह केंचुआ आदि कीड़ों के द्वारा वनस्पतियों एवं भोजन के कचरे आदि को विघटित करके बनाई जाती है। वर्मी कम्पोस्ट में बदबू नहीं होती है।

 

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