देश-दुनिया में आज भी कई ऐसी चीजें हैं जिनमें परंपरा को बहुत माना जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही परम्परा के नाम पर कई ऐसी चीजें की जाती हैं जिनपर कई सवाल खड़े होते हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए एक ऐसी अनोखी परंपरा की जानकारी लेकर आए हैं जिसमें
क्या होता है खतना?
- आपको बता दें कि खतने नाम की परंपरा महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से जुड़ी हुई हैं, जिसे खटने के नाम से जाना जाता हैं।
- इस परंपरा में वजाइना में ब्लेड या किसी धारदार हथियार से चीरा लगाकर उसे सिल दिया जाता है। कई जगह प्राइवेट पार्ट के एक हिस्से (क्लिटोरिस) को भी काट दिया जाता है।
- लड़कियों का खतना शिशु अवस्था से लेकर 15 साल तक की उम्र के बीच होता है।
- इस परंपरा के अनुसार माना जाता है कि ऐसा करने पर लड़की कामेच्छा (सेक्स की इच्छा) को नियंत्रित कर पाती है।
- इसके अलावा धर्म, परंपरा औऱ समाजिक चलन का भी हवाला दिया जाता है।
- वहीं दूसरी ओर यह कार्य नवजात शिशुओं और 15 साल तक की बच्चियों के साथ किया जाता है। नवजात शिशुओं (पुरुष) के लिंग के ऊपरी हिस्से की त्वचा को हटा दिया जाता है।
- लड़कियों का खतना शिशु अवस्था से लेकर 15 साल तक की उम्र के बीच होता है।
महिलाओं को खतने के कारण होने वाली मुख्य समस्याएं?
- खतना की पूरी प्रक्रिया बहुत दर्दनाक होती है, क्योंकि इस दौरान बच्चियों को पूरे होश में रखा जाता है।
- इसमें किसी भी प्रकार का एनेस्थीसिया या बेहोश करने वाली दवा नहीं दी जाती।
- खतना के बाद महिलाओं के अंडाशय में गांठ, पेशाब करने में दर्द और बाद में संक्रमण, जन्म के दौरान ही शिशुओं की मृत्यु, बांझपन, पीरियड्स में समस्या, योनी में सूजन, दर्द और खुजली की समस्या रहती है।
भारत में महिला खतना पर सुप्रीम कोर्ट सख्त
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने दाउदी बोहरा समुदाय में महिलाओं का खतना (Khatna) को भारतीय दंड संहिता और बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून (पोक्सो एक्ट) के तहत अपराध बताया।
15 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ पंरपरा के नाम पर किए जाने वाले इस काम की कठोर निंदा की। साथ ही बताया गया कि इस परंपरा पर 42 देशों ने रोक लगा दी है, जिनमें 27 अफ्रीकी देश हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता बताई है। लेकिन बावजूद इसके छोटी बच्चियों के साथ कि जाने वाली इस प्रक्रिया के मामले कम नहीं हो रहे।
इन देशों में होता है महिलाओं का खतना
- महिला खतने का चलन मुस्लिम और ईसाई समुदायों के अलावा कुछ स्थानीय धार्मिक समुदायों में भी है।
- अफ्रीकी देशों, यमन, इराकी कुर्दिस्तान, एशिया और इंडोनेशिया में महिला खतना ज्यादा चलन में है। भारत के कई हिस्सों में भी आज भी इसकी मान्यता है।
- साथ ही कुछ अन्य एशियाई देशों में भी इसके मामले पाया गए हैं।