कभी आपने सोचा है कि चांद की उत्पत्ति कैसे हुई है? (Unkonwn and Mysterious Facts About Moon in Hindi)

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कभी आपने सोचा है कि चांद की उत्पत्ति कैसे हुई है? (Unkonwn and Mysterious Facts About Moon in Hindi)

 

इस लेख में मैं आपको बताउंगी प्राकृतिक गृह चांद से जुड़ी वो सारी बातें, जिनके बारें में शायद आपने पहले नहीं सुना होगा। जी हां, आप यहां पर जानेंगे कि कैसे चांद की उत्पत्ति हुई थी, इसका आकार क्या है? चांद पर दिन-रात का तापमान क्या होता है? चांद पर दिखने वाले धब्बों का राज क्या है? आदि। चलिए आपको बताते हैं चांद से जुड़े कुछ अनजाने और रहस्यमय तथ्य, जो कि इस प्रकार हैं-

पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी (What is the distance from the Earth to the Moon)

एक अध्ययन के माध्यम से यह पता लगा कि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है।

चांद पर जाने वाला पहला व्यक्ति

चांद पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति और कोई नहीं बल्कि नील एल्डन आर्मस्ट्रांग थे।

कैसे हुई थी चांद की उत्पत्ति (How did the moon originate)

एक शोध के मुताबिक आज से करीब साढ़े चार अरब वर्ष पहले एक बड़ा ग्रह पृथ्वी से टकराया था, जिसके परिणामस्वरूप चांद का जन्म हुआ। ऐसा कहा जाता है कि टकरने वाले ग्रह का आकार मंगल ग्रह के बराबर था, जो कि काफी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। इस उल्कापिंड को ‘थिया’ नाम दिया गया है। यह ग्रह इतनी तेजी से पृथ्वी से टकराया था कि हल्के पदार्थों से बने टुकड़े अंतरिक्ष में बिखर गए थे। फिर यह सभी टुकड़े गुरूत्वाकर्षण की वजह से इकट्ठे हो गए ,जिन्होंने  एक पिंड का रूप ले लिया। इस पिंड को ही चांद कहा गया है।

 (Daimeter of Moon)

शोध के अनुसार आपको बता दें कि चांद का Daimeter 3474 है।

 

चांद का आकार (Size of Moon)

धरती की तुलना में चांद का आकार 27 प्रतिशत है।

 

चांद की जमीन

चांद की जमीन पर काफी सारे गड्ढे हैं। आपको बता दें कि चांद की जमीन को पहली बार 1969 में छुआ गया था। जी हां 16 जुलाई को अमेरिका से उड़ा नासा का अंतरिक्ष यान अपोलो 11 चार दिन का सफर पूरा करके 20 जुलाई 1969 को चांद पर उतरा था।

 

कैसी दिखती है चांद से धरती

चांद पर खड़े होकर जब पृथ्वी को देखते हैं, तो वह साफ अपने अक्ष पर घुमती हुई दिखाई देती है।

चांद का गुरूत्वाकर्षण (Gravitational Force of Moon)

चांद का गुरूत्वाकर्षण पृथ्वी की तुलना में  6 गुना कम  है। यानी कि चांद पर जाने के बाद इंसान का बजन 6 गुना कम हो जाता है।

 

चांद पर नहीं है हवा की मौजूदगी (Absence of Air on Moon )

चांद पर हवा की अनुपस्थिति है। य़ही वजह है कि आज भी वहां पर नील एल्डन आर्मस्ट्रांग के कदमों के निशान मौजूद हैं।

 

किस वजह से एक बार में चांद का केवल एक भाग दिखता है?

चांद को पृथ्वी का पूरा एक चक्कर लगाने में लगभग 27.3 दिन लग जाते हैं। चांद को अपने अक्ष पर चक्कर लगाने में भी 27.3 दिन लगते हैं। यही वजह है कि चांद का हमें एक बार में एक भाग ही नजर आता है। जबकि चांद का दूसरा भाग छिपा रहता है।

चांद पर दिन और रात

चांद पर एक दिन लगभग 14 दिन का होता है और रात भी लगभग 14 दिन की होती है।

चांद पर तापमान (Temperature of Moon)

विज्ञानिकों ने शोध करके पता लगाया है कि चांद पर रात का तापमान लगभग -153 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जबकि यहां पर दिन का तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। यही वजह है कि चांद पर बर्फ पायी जाती है।

चांद पर दिखने वाले धब्बों का राज क्या है?

पृथ्वी से जब चांद को देखते हैं, तो उस पर काले रंग के धब्बे नजर आते हैं। आपको बता दें कि यह धब्बे नहीं होते हैं। बल्कि यह चांद पर मौजूद गढ्ढे होते है, जहां पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती है।

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