पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी लोगों द्वारा काफी अहतियात बरती जा रही है। इतना ही नहीं जो भी व्यक्ति विदेशों से आ रहे हैं या जिनके कोरोना की चपेट में आने की आशंका है, उन सभी लोगों की डॉक्टरों द्वारा गहन जांच की जा रही है।
जी हां, दोस्तों हम आपको बताएंगे कि डॉक्टर कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए कौन सा टेस्ट कर रहें हैं और यह टेस्ट कैसे किया जाता है? साथ ही इस पोस्ट में आप जानेंगे कि आपको कब इसकी जांच करानी चाहिए?, इससे बचने के लिए आपको कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है? साथ ही आपको बताएंगे कि कोरोना वायरस की जांच और इलाज संबंधी जानकारियां प्राप्त करने के लिए कौन सा हेल्पलाइन नंबर चालू किया गया हैं?
कैसे और कौन से टेस्ट की सहायता से पता लगाया जाता है कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं? (Coronavirus Test)-
कोरोना वायरस जैसी महामारी अभी तक कई लोगों को अपनी गिरफ्त में ले चुकी है। विदेशों में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही, तो वहीं दूसरी ओर भारत में भी इसके केसों में वृद्धि हो रही है। अब यह सवाल तो कई लोगों के मन में होगा कि आखिर डॉक्टर कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए कौन सा डायग्नोस्टिक टेस्ट का प्रयोग कर रहें हैं और उस टेस्ट को कैसे किया जा रहा है?
तो चलिए फिर देरी कैसी जानते है कि आखिर इस सवाल का जबाव क्या है?-
कैसे होती है कोरोना संक्रमित मरीज की जांच
- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (PCR) का टैस्ट किसी भी नामी लैब में किया जा सकता है।
- यह टेस्ट गले, श्वास नली के लिक्विड और मुंह की लार की सैंपल के स्वैब पर किया जाता है।
- इस तरह के टेस्ट का प्रयोग ज्यादातर पर इंफ्लूएंजा ए, इंफ्लूएंजा वायरसस का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- डॉक्टरों का कहना है कि नाक और गले का पिछला हिस्सा दो ऐसी जगह हैं, जहां पर वायरस के मौजूद होनी की संभावना अधिक होती है।
- यही वजह है कि स्वैब द्वारा इन्ही कोशिकाओं (Tissue) को उठाया जाता है।
- फिर स्वैब को ऐसे सॉल्यूशन में डाला जाता है, जिनसे कोशिकाएं रिलीज होती हैं।
- फिर स्वैब टैस्ट का इस्तेमाल सैंपल में मिले जेनेटिक मैटेरियल को कोरोना वायरस के जनेटिक कोड से मिलाने में किया जाता है।
NOTE: नेजल एस्पिरेट विधि में संदिग्ध की नाक में सॉल्यूशन डालकर जांच की जाती है। वहीं, स्वाब टेस्ट में एक कॉटन के जरिए गले से स्वाब का नमूना लेते हैं।
कोरोना वायरस से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर-
- जांच और इलाज संबंधी किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 0120-4186453 पर संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर 24 घंटे चालू रहता है।
- 108 नंबर डायल करके एंबुलेंस मंगा सकते हैं। एक 108 नंबर एंबुलेंस संदिग्ध रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए आरक्षित है।
इससे बचने के लिए आपको कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है?
- कोरोना वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों से फैलता है। खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह ढंक लें। हाथ को अच्छी तरह धोएं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
- जो लोग संक्रमित इलाके से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं, उन्हें अकेले रहने की सलाह दी जाती है। 14 दिनों तक ऐसा करने से संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
नोट- भारत में 10,000 सैंपल टैस्ट किए जा सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश भर में 52 सेंटरों पर Coronavirus Test किए जा रहें हैं।
आपको कोरोना वायरस की जांच कब करानी चाहिए?
1.यदि आपने हाल में किसी ऐसे इलाके की यात्रा की है, जो कोरोना से प्रभावित है।
2.बुखार खांसी, सांस लेने में परेशानी, गला खराब होने जैसे लक्षण होने पर जांच कराएं।
इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि आपके दोस्त और सगे संबंधी कोरोना संक्रमण से जुड़ी जरूरी जानकारियां प्राप्त कर सकें और खुद को इस महामारी की चपेट में आने से बचा सकें। यदि कोरोना वायरस को लेकर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। जल्दी ही हमारे एक्स्पर्ट आपके सभी सवालों का जवाब देंगे।
YOU MAY ALSO READ
जानिए कैसे फैलता है कोरोना वायरस और कैसे आप कर सकते हैं अपना बचाव?
Coronavirus से बचना है, तो ऐसे बनाएं Immune Sytem स्ट्रॉंग
जानिए कोरोना वायरस से जुड़े सच और झूठ
Coronavirus से जुड़े 6 जरूरी सवाल, जिनके जवाब आप जानना चाहते हैं