Labour Court: सैलरी टाइम पर न मिलने या बॉस द्वारा सताए जाने पर ऐसे करें शिकायत दर्ज

1
Labour Court: सैलरी टाइम पर न मिलने या बॉस द्वारा सताए जाने पर ऐसे करें शिकायत दर्ज

इस लेख के माध्यम से आज आप जानेंगे कि आखिर लेबर कोर्ट क्या होता है, यह कौन से कार्य करता है, इसके अंतर्गत कैसे श्रमिक अपने साथ हो रहे शोषण की शिकायत दर्ज करा सकता है, किन मुद्दों पर लेबर कोर्ट कार्यवाही करता है, लेबर कोर्ट हेल्पलाईन नंबर कौन से हैं?

श्रम न्यायालय (Labour Court) क्या है?  

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर कोई अपनी जीविका को चलने और परिवार का भरण-पोषण करने की जद्दोजहद में लगा रहता हैं। इसके लिए वह सरकारी या प्राइवेट कंपनी या फिर किसी फर्म या फैक्टरी में कार्य करता है। कार्य के दौरान यदि उस व्यक्ति (श्रमिक )  को तंग किया जाता है या फिर ये कहें कि उसका शोषण किया जाता है, तो वह अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकता है।

उसके साथ मालिक द्वारा कई प्रकार के शोषण किए जा सकते हैं, जैसे कि सेलरी में देरी, तय समय से अधिक काम लेना, सेलरी रोकना, बिना वजह नौकरी से निकाल देना आदि। वह इन सब अत्याचारों के खिलाफ लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज करा सकता है। आपको बता दें कि सरकार ने मजदूरों से जुड़ी इस तरह की शिकायतों का निपटारा करने के लिए श्रम न्यायलय स्थापित किया है, ताकि सभी मजदूरों को उनका हक और इंसाफ मिल सके। इस कोर्ट में जाकर श्रमिक अपनी समस्या को बता सकते है और अपना हक वापिस पा सकता है। न्यायलय में केस दर्ज कराने के लिए पहले लेबर को एक वकील संग मिलकर अपनी पूरी परेशानियों के बारें में बताना होता है, जिसके बाद वही वकील कोर्ट में केस लड़ता है।

श्रमिकों के साथ किस प्रकार के शोषण किए जाते हैं-

  • कंपनी, फर्म, फैक्टरी में मजदूर से निर्धारित समय से ज्यादा समय तक काम लेना।
  • कंपनी, फर्म या फैक्टरी द्वारा मजदूर को सेलरी का भुगतान टाइम पर न देना।
  • इसके अलावा बिना किसी वजह से मजदूर को फैक्टरी, फर्म या कंपनी ने निष्कासित कर देना।
  • मालिकों द्वारा कर्मचारी का यौन शोषण किया जाना।

 लेबर/श्रम कानून (Labour Law) क्या है?

श्रम कानून रोजगार, पारिश्रमिक, काम की स्थिति, ट्रेड यूनियनों और औद्योगिक संबंधों जैसे मामलों पर लागू होते हैं। यह कानून कर्मचारियों, रोजगार देने वालों और सरकार के बीच संबंध स्थापित करता है। इस कानून के तहत कोई भी मजदूर अपने कार्य क्षेत्र में उनके साथ हो रहे शोषण के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है।

लेबर कोर्ट (labour Court) के प्रमुख कार्य कौन से हैं-  

  • किसी कर्मचारी के साथ कार्य संस्थान में यौन शौषण होने पर लेबर कोर्ट कार्यवाही करता है।
  • मातृत्व फायदे ना देने पर कोर्ट संज्ञान लेता है।
  • औद्योगिक विवादों से संबंधित फैंसले लाता है।
  • पीड़ित कर्मचारियों की शिकायत का ब्यौरा लेता है आदि।

श्रम विभाग (Labour Department) में शिकायत (Complain) कैसे करें दर्ज-

श्रमिकों को उनके साथ हो रहे शोषण की शिकायत करने के लिए सबसे पहले कंपनी, फर्म या फैक्टरी के उच्चाधिकारी या मालिक के पास जाना चाहिए। फिर भी उनकी समस्या की कोई सुनवाई नहीं करता हैं, तो उसे पुलिस थाने जाकर थाना निरीक्षक प्रभारी से शिकायत करनी चाहिए। अगर वह भी शिकायत दर्ज नहीं करता है, तो श्रमिक को एसपी से अपनी शिकायत करनी चाहिए। लेकिन फिर भी आपकी समस्या को दर्ज नहीं किया जाता है, तो अंत में इकलौता सहारा है लेबर कोर्ट। जहां पर आपकी समस्या की सुनवाई की जाती है। चलिए जानते हैं कि कैसे लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या है?

  • लेबर कोर्ट में शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको एक वकील की आवश्यकता होगी।
  • अगर आप अपने कंपनी के मालिक के खिलाफ कोर्ट में कोई कंप्लेन दाखिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पहले अपने वकील से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
  • वकील ढूंढने के लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं हैं। आप घर पर बैठकर आराम से ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए बेहतरीन वकील का चुनाव कर सकते हैं, जो आपकी समस्या को सुलझाने में सक्षम हो।
  • यदि आप इतना सब करने के बाद भी संतुष्ट नहीं होते हैं, तो श्रम परिवीक्षा अधिकारी आपको राज्य श्रम आयुक्त के पास जाने की सलाह देता है। ये आयुक्त आपके मामले की गंभीरता के हिसाब से आपकी शिकायत को लेबर कोर्ट तक पहुंचा देता है।

 नोट-  विवाद होने के 1 साल के भीतर ही आपको लेबर कोर्ट में अपना केस फाइल करना होता है। यदि आप एक साल के बाद शिकायत दर्ज कराते हैं, तो कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है।

शिकायत दर्ज कराने से पहले इन दस्तावाजों को रखें तैयार-

  • शिकायतकर्ता कंपनी, फर्म या फिर फैक्टरी के मालिक द्वारा दिया गया ऑफर लेटर को अपने साथ जरूर रखें।
  • नियुक्ति के वक्त आपका कंपनी के साथ क्या एग्रीमेंट साइन हुआ था।
  • नियुक्ति के समय आपके और कंपनी के बीच कितना वेतन तय हुआ था।
  • फैक्टरी में काम करने का कितना समय निर्धारित किया गया था।
  • इसके अलावा दो गवाहों का होना भी आवश्यक होता है, ताकि कोर्ट में आवश्यकता पड़ने पर वह गवाही दे सकें।

लेबर कोर्ट हेल्पलाइन नंबर यूपी (Labour Court Helpline Number U.P.)

इस वेबसाइट पर http://uplabour.gov.in/DynamicPages/Directory.aspx जाकर आपको हेल्पलाइन नंबर प्राप्त हो जाएंगे।

लेबर कोर्ट हेल्पलाइन नंबर दिल्ली (Labour Court Helpline Number Delhi)

इस वेबसाइट http://labour.delhi.gov.in/content/contact-us पर जाकर आप दिल्ली लेबर कोर्ट का हेल्प लाइन नंबर ले सकते हैं।

 

Comments

comments

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here