जानिए क्या है SBI ग्राहकों के लिए खाते में पैसे जमा करने और निकालने के नियम

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1 अक्टूबर से देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक अपने कई नियमों में बदलाव करने जा रहा है। बैंक ने इसको लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक, एसबीआई ने चेक बुक में पन्ने घटा दिए हैं, वहीं दूसरी तरफ बाउंस होने पर शुल्क को बढ़ा दिया है। नए नियम एक अक्टूबर 2019 से पूरे देश में लागू होंगे।

बैंक खाते में जमा के नियम

एसबीआई सबसे बड़ा बदलाव बैंक खाते में रुपया जमा करने के नियम को लेकर करने जा रहा है। बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्टूबर 2019 के बाद आप एक महीने में अपने खाते में केवल तीन बार ही रुपये मुफ्त में जमा कर पाएंगे, यदि इससे ज्यादा बार रुपये जमा करते हैं तो प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर 50 रुपए का चार्ज देना होगा।

बैंक सर्विस चार्ज पर 12 फीसदी का जीएसटी वसूलता है, इस प्रकार जब आप चौथी, पांचवीं या ज्यादा बार रुपये जमा करेंगे तो आपको हर बार 56 रुपये ज्यादा देने होंगे।

आपको बता दें कि अभी किसी भी बैंक में खाते में रुपये जमा करने संबंधी कोई रोकटोक नहीं है कोई भी व्यक्ति अपने खाते में महीने में कितनी ही बार कितना भी पैसा जमा कर सकता है।

मंथली मिनिमम बैलेंस का नियम बदला- शहरों में मिनिमम बैलेंस को 5000 से घटाकर 3000 रुपये कर दिया जाएगा, नए नियमों में बदलाव के तहत अगर कोई ग्राहक अपने खाते में 3000 रुपये मिनिमम बैलेंस नहीं रख पाता है और उसकी रकम घटकर 1500 हो जाती है तो उसे 10 रुपये का चार्ज और जीएसटी वसूला जाएगा।

सेमी अर्बन ब्रांच में एसबीआई ग्राहकों को अपने खाते में मंथली मिनिमम बैलेंस के तौर पर 2000 रुपये मेंटेन करना होगा। रूरल ब्रांच में 1000 रुपये मिनिमम बैलेंस का एवरेज मेंटेन करना होगा।

सेमी अर्बन ब्रांच में अगर ग्राहक 50 फीसदी से कम बैलेंस मेंटेन कर पाता है तो उसे 7.50 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा।

50 से 75 फीसदी तक की रकम को मेंटेन करने पर 10 रुपये चार्ज के साथ जीएसटी देना होगा। 75 फीसद से ऊपर की रकम को मेंटेन रखने पर 12 रुपये और जीएसटी चार्ज लगेगा।

रूरल ब्रांच में 1000 रुपये मंथली अवरेज मेंटेन करना होगा और अगर कोई ग्राहक 50 फीसद से कम रकम मेंटेन रखता है तो उसे 5 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 75 फीसद से ज्यादा की रकम पर 10 रुपये चार्ज लगेगा साथ में जीएसटी भी देना होगा।

25,000 रुपये की अवरेज मंथली बैलेंस राशि वाले खाताधारक महीने में दो बार मुफ्त नकद निकासी कर सकते हैं। 25,000 रुपये से 50,000 रुपये के बीच अवरेज मंथली बैलेंस राशि वाले 10 मुफ्त नकद निकासी का फायदा उठा सकते हैं।

50,000 रुपये से ज्यादा और 1,00,000 रुपये तक के लिए 15 रुपये शुल्क प्लस जीएसटी है, जबकि 1,00,000 रुपये से अधिक वाले ग्राहक असीमित लेनदेन कर सकते हैं।

NEFT और RTGS का नियम बदला

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फ़ंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) के शुल्क में भी परिवर्तन होगा। यह डिजिटल पेमेंट माध्यम मुफ्त है और इसकी  फीस ब्रांच पर लगाई जाती है। 10,000 रुपये तक का एनईएफटी लेनदेन पर 2 रुपये प्लस जीएसटी लगेगा।

2 लाख से अधिक की राशि NEFT करने पर 20 रुपये पर प्लस जीएसटी देना होगा, वहीं RTGS से 2 लाख से 5 लाख तक रुपये को भेजने पर ग्राहक को 20 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा। 5 लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 40 रुपये प्लस जीएसटी चार्ट लगेगा।

RTGS के लिए 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच ग्राहक को 20 रुपये जीएसटी का भुगतान करना होगा। 5 लाख रुपये से अधिक के आरटीजीएस ट्रांसफर पर 40 रुपये जीएसटी लगेगा।

नए बदलाव के मुताबिक, अगर कोई ग्राहक बचत खाते में एक महीने में तीन बार जमा और निकासी करता है तो यह लेनदेन मुफ्त होगा। उसके बाद के प्रत्येक लेनदेन के लिए 50 रुपये प्लस जीएसटी लगेगा।

गैर-होम ब्रांच में नकदी जमा करने की अधिकतम सीमा 2 लाख रुपये प्रतिदिन है। इसके बाद गैर-होम ब्रांच मैनेजर तय करेगा कि वह नकदी स्वीकार करता है या नहीं।

SBI ATM नियम

1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदलने वाले हैं, अब बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेंगे अभी यह लिमिट 6 ट्रांजेक्शन की है। वहीं अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा।

चेकबुक के नियम

1 अक्टूबर से सेविंग बैक अकाउंट होल्डर को पहले 10 चेक फ्री में मिलेंगे, इसके बाद 10 चेक वाली चेकबुक 40 रुपये + जीएसटी और 25 चेक वाली चेकबुक के लिए 75 रुपये + जीएसटी लिया जाएगा। एसबीआई ने चेक रिटर्न के नियमों को भी कड़ा कर दिया है। बैंक के सर्कुलर के मुताबिक 1 अक्टूबर के बाद कोई भी चेक किसी तकनीकी के कारण लौटता है तो चेक जारी करने वाली पर 150 रुपए और जीएसटी अतिरिक्त का चार्ज देना है, जीएसटी को मिलाकर यह चार्ज 168 रुपए होगा।

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