टोल भुगतान की लंबी कतारों से आपको बचाएगी फास्टैग तकनीक, यूं करें इसका प्रयोग

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टोल भुगतान की लंबी कतारों से आपको बचाएगी फास्टैग तकनीक, यूं करें इसका प्रयोग
Fastag

हाल ही में केंद्र सरकार यानी की मोदी सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक देशभर में सभी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों पर फैस्टैग लगवाना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही ये भी कहा है कि 1 दिसंबर से टोल भुगतान केवल फास्टैग से ही किया जाए। यह आदेश चार पहिए या फिर उससे ज्यादा पहिए वाले सभी वाहनों पर लागू होता है। फास्टैग तकनीक का प्रयोग करने के बहुत से फायदे हैं। इसके इस्तेमाल से समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।

वाहन चालकों को फास्टैग का इस्तेमाल करने से लंबी कतारों से मुक्ति मिलेगी और चुटकियों में वक्त गवाए बिने टोल टैक्स का भुगतान कर सकेंगे। फास्टैग तकनीक का प्रयोग प्रदूषण का स्तर घटाने में भी काफी मददगार साबित होगा। यह तकनीक क्या है?, इसका कैसे इस्तेमाल करना है?, कैसे ये काम करती है?, इसके फायदे क्या हैं?, कहां से आप फास्टैग अकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं? तो चलिए आपको इन तमाम बातों के बारें बताते हैं-

आखिर फास्टैग क्या है?

दरअसल, फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है, जिसकी शुरूआत 2014 में की गयी थी। धीरे-धीरे फास्टैग तकनीक को देशभर में लागू कर दिया गया। बता दें कि फास्टैग की शुरूआत करने का असली मकसद टॉल प्लाजाओं पर टॉल क्लेक्शन सिस्टम में होनी वाली परेशानियां थीं। उन सभी दिक्कतों से निपटने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा फास्टैग तकनीक का आरंभ किया गया। यदि टॉल प्लाजाओं पर वाहन चालक इसका इस्तेमाल करेंगे, तो घण्टों लंबी कतारों में लगने से बच सकते हैं।

फास्टैग तकनीक कैसे और कौन से प्रिंसिपल पर काम करती है?

फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। यह तकनीक रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेन्टिफिकेशन (RFID) के प्रिंसिपल पर काम करती है। बता दें कि फास्टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। यही कारण है कि जैसे ही आपका वाहन टॉल प्लाजा के पास एंट्री करता है, तो वहां पर मौजूद सेंसर फास्टैग को रीड कर लेते हैं। जिसके बाद उस टॉल प्लाजा पर लगने वाले टॉल टैक्स आपके फास्टैग एकाउंट से काट लिया जाता है।सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए आपको टॉल प्लाजा पर रूकने की आवश्यकता भी नहीं है।

इस तकनीक से होने वाले फायदे इस प्रकार है-

  • फास्टैग की शुरूआत सरकार ने टोल क्लेक्शन सिस्टम में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए की थी। कई बार खुले पैसों की समस्या हो जाती थी। वाहन चालकों को लंबी कतारों में खड़े रहने पड़ता था, जिस वजह से समय की काफी बर्बादी होती थी। इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए इस तकनीक की शुरूआत की गयी।
  • यह तकनीक आपके समय की बचत करेगी।
  • फास्टैग का प्रयोग करके ईंधन की बचत होगी हैं।
  • इस तकनीक के प्रयोग से प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सकेगे है।

इन सब फास्टैग यूसर्स को मिलेगा इतना कैशबेक

  • बता दें कि साल 2016-17 के बीच फास्टैग का प्रयोग करने वाले वाहन चालकों को सभी टोल भुगतान पर 10 प्रतिशत कैशबैक मिलेगा।
  • इसके अलावा 2017-18 के बीच इसका इस्तेमाल करने वालों को 7.5 प्रतिशत कैशबैक मिलेगा।
  • इतना ही नहीं 2018-19 और 2019-2020 के बीच इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को 5% और 2.5%  कैशबैक मिलेगा।
  • यह कैशबैक अमाउंट एक हफ्ते के अंदर आपके फास्टैग एकाउंट में आ जाएगा।

कब तक होती है फास्टैग की वैधता

फास्टैग की वैधता केवल  पांच साल तक होगी। इसके बाद आपको नया फास्टैग लगवाना होगा।

भारत में फास्टैग तकनीक की शूरूआत कब हुई

भारत में सबसे पहले फास्टैग की शुरूआत अहमदाबाद और मुंबई हाईवे के बीच साल 2014 में हुई थी। जुलाई 2015 में चेन्नई-बेंगलूरू हाईवे के टॉल प्लाजा पर इस तकनीक की शूरूआत हुई।

कैसे आप फास्टैग अकाउंट रिचार्ज कर सकते हैं?

  • क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग के द्वारा अपना फास्टैग एकाउंट रिचार्ज कर सकते हैं।
  • फास्टैग अकाउंट में कम से कम 100 रूपए और ज्यादा से ज्याद एक लाख रूपए तक का रिचार्ज कराया जा सकता है।
  • आप किसी भी पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) के अंर्तगत आने वाले किसी भी टॉल प्लाजा या एजेंसी में जाकर फास्टैग एकाउंट खुलवा सकते है।
  • नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर आप अपने आसपास के पीओस का पता कर सकते हैं।

इन बैंकों से करवा सकते हो फास्टैग एकाउंट का रिचार्ज

एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई फास्टैग, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, पेटीएम, एचडीएफसी बैंक से फास्टैग अकाउंट रिचार्ज करवा सकते हैं।

 

 

 

 

 

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