सभी भारतीय ब्रांड्स के रम को पछाड़ते हुए ओल्ड मोंक को आजतक सबसे बेहतरीन रम का दर्जा हासिल है. यदि आपको सर्दियों के मौसम का या फिर नववर्ष के जश्न का असली मज़ा लेना हो तो फिर ओल्ड मोंक रम की बोतल के साथ ले सकते है. ओल्ड मोंक रम डार्क रम की श्रेणी में आती है और इसका स्वाद बहुत ही लाजवाब होता है.
ओल्ड मोंक रम इतिहास
ओल्ड मोंक रम की बिक्री की शुरुआत सबसे पहले सन 1960 में डिफेंस फ़ोर्स की कैंटीन से हुई थी.ओल्ड मोंक रम शराब के उस दौर में बाज़ार में आई जब शराब खरीदने के लिए परमिट लेना पड़ता था और तो और इसकी कामयाबी का आलम तो ये था कि ओल्ड मोंक रम ने उस जमाने की सबसे ज्यादा मशहूर हर्क्युलस रम को भी पछाड़ दिया था.
आज भी ओल्ड मोंक रम अपने बेहतरीन स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि अपनी उत्कृष्ट गुणवत्ता की वजह से बाज़ार में अपनी पकड़ बनाए हुए है. सबसे बड़ी बात जो ओल्ड मोंक रम को बाकि दुसरे रम से अलग बनाती है वो ये है कि इतनी लोकप्रियता हासिल करने के बाद भी ओल्ड मोंक रम सबसे सस्ती रम है और इसी वजह से ये रम सबकी चहेती बन गई है.
ओल्ड मोंक रम के स्वाद ने तो सभी को अपना दीवाना बना के रख दिया है. इसके स्वाद ने तो डार्क और कैरबियन रम को भी पटखनी दे दी है. इसे कॉकटेल के साथ तो नहीं लिया जा सकता है लेकिन कोको कोला या फिर पानी के साथ जरूर लिया जा सकता है. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि ओल्ड मोंक रम भारत में आई.एम्.एफ.एल (Indian Made Foreign Liquor) ब्रांड की सबसे ज्यादा लोकप्रिय रम की श्रेणी में शामिल हो गई और आई.एम्.एफ.एल की लोकप्रियता हासिल करने के बाद कई होटल्स और बार में इसे बड़ी ही शान के साथ सजा के रखना शुरू कर दिया गया. आज भी कई रेस्टोरेंट में तो इसे व्यंजनों में सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
सिर्फ ओल्ड मोंक रम ने ही सफलता के बड़े बड़े झंडे गाड़े ऐसा नहीं था बल्कि इसकी बोतल ने भी एक अलग ही पहचान बनाई हुई है. अपने शुरूआती दौर में जब ओल्ड मोंक रम बाज़ार में आई थी तब इसकी बोतल कुछ छोटी और मोटी थी लेकिन इसके जनक मोहन मैकिन ने इसकी बोतल को नए नए आकार देने की कोशिश की जिससे कि इसकी बोतल सौम्य और स्थिर लगे. बहुत ही जल्दी मोहन मेकिन को ये अनुभव हुआ कि सिर्फ ओल्ड मोंक रम ही नहीं बल्कि इसकी बोतल भी इसके दीवानों के लिए कुछ खास मायने रखती है. आज भी ओल्ड मोंक रम उसी आकार की बोतल में बिकती है जैसे कि पहले के ज़माने में बिकती थी.
ओल्ड मोंक रम की एक खासियत ये भी है कि इसे बनाने वाली कंपनी ने कभी भी इसके विज्ञापन में कुछ खास रूचि नहीं दिखाई या फिर यों कहे कि ओल्ड मोंक रम कभी भी और आज भी विज्ञापन की मोहताज़ नहीं रही है. ओल्ड मोंक रम ने तो बिना किसी विज्ञापन के शराब प्रेमियों को अपना दीवाना बना के रख दिया है. इस रम का आलम तो ये है कि जो कोई भी इसे एक बार पी लेता है उसके दिलोदिमाग पर इसके स्वाद का नशा सर चढ़ के बोलने लगता है.
अभी कुछ दिन पहले शराब बाज़ार में ये अफवाह थी कि रम की बिक्री न हो पाने की वजह से इसे शराब बाज़ार से हटाया जा सकता है लेकिन बहुत ही जल्द ओल्ड मोंक के दीवानों को ये समाचार मिला कि ऐसा कुछ भी नहीं है. कंपनी के वरिष्ठ अधिकारीयों ने बताया कि ओल्ड मोंक रम बाज़ार से नहीं हटाई जायेगी और उनका ऐसा कोई इरादा भी नही है. ये खबर सुनकर ओल्ड मोंक रम के चाहने वालो में ख़ुशी की लहर दौड़ गई.
ओल्ड मोंक रम बनाने की विधि
रम को बनाने के लिए गन्ने के रस का किण्वन और आसवन का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें तकरीबन ७०% तक एल्कोहल होता है. रम पीने की शुरुआत सबसे पहले १५वीं सदी के खोजी नाविकों जैसे कि कोलंबस, वास्कोडिगामा आदि, समुद्री डाकू और रॉयल नेवी द्वारा किया गया. संभवतः रम का प्रचार प्रसार वही से हुआ होगा. चूँकि ओल्ड मोंक रम एक डार्क रम है इसलिए इसको बनाने के लिए इसे तकरीबन 10 से 12 वर्षों के लिए परिपक्वित किया जाता है तब कही ओल्ड मोंक रम को बाज़ार में लाया जाता है. इसको बनाने की प्रक्रिया अन्य रम की तुलना में थोड़ी जटिल होती है तभी तो इसके स्वाद ने सभी को अपना दीवाना बना के रखा है.
ओल्ड मोंक रम डार्क ब्राउन रंग में आती है और ओल्ड मोंक रम वनीला स्वाद में आता है. ओल्ड मोंल्क रम कई प्रकार के भारतीय बाज़ार में आते है जैसे कि ओल्ड मोंक सुप्रीम रम, ओल्ड मोंक गोल्ड रिज़र्व रम, ओल्ड मोंक एक्स्ट्रा स्पेशल xxx रेयर रम, ओल्ड मोंक डीलक्स xxx रम और ओल्ड मोंक व्हाइट रम.
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