जानिए पुलवामा अटैक की पूरी कहानी

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नई दिल्ली। पुलवामा हमले के पूरे एक साल हो गए है। आज पूरा देश हमले में हुए शहीदों को याद कर रहा है। आंखे नम है और अपने वीरों को खोने का गम है। पूरे देश से लेकर हर एक नेताओं ने अपने वीर सपूतों को याद किया है और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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तो आईए जानते है इस घटना से जुड़े हर एक पहलू के बारे में…

गुरुवार 14 फरवरी, 2019 का दिन था। दोपहर के 3:30 बजे थे। सीआरपीएफ से संबंधित 78 बसें करीब 2500 जवानों को लेकर नेशनल हाईवे 44 से गुजर रही थीं। हर बार की तरह इस बार सड़क पर दूसरे वाहनों की आवाजाही को रोके बिना ये काफिला आगे बढ़ रहा था। बसों में बैठे कई जवान छुट्टी पर वापस अपने घर जा रहे थे। उनके चेहरों पर अपनों से मिलने की खुशी थी। इसी हाईवे पर दो दिन पहले भी आतंकी सीआरपीएफ के जवानों पर हमले को अंजाम दे चुके थे। इसलिए हर कोई सतर्क था। तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रही बस में टक्‍कर मार दी। इसके साथ ही एक जबरदस्‍त धमाका हुआ। बस के साथ जवानों के शरीर के परखच्‍चे कई मीटर दूर तक छिटक गए। जवान जबतक कुछ समझ पाते और हमले का जवाब देने के लिए अपनी पॉजीशन ले पाते उनके ऊपर आतंकियों ने फायरिंग भी शुरू कर दी। सीआरपीएफ जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की लेकिन आतंकी वहां से भागने में सफल रहे।

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कुछ ही देर में ये खबर मीडिया के जरिए पूरे देश में आग की लहर की तरह फैल गई। हर कोई इस हमले से बेहद गुस्‍से में था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह जवान सीआरपीएफ की 76 बटालियन से थे। इसके अलावा कई जवान घायल हो गए थे।1989 के बाद जवानों पर ये अबतक का सबसे बड़ा हमला था। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। वहीं दूसरी ओर जवानों को ले जाते समय सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल उठे। ये भी कहा गया कि आखिर इतने बड़े जवानों के काफिले को ले जाते समय निजी वाहनों की आवाजाही को क्‍यों नहीं रोका गया। इस घटना से पूरे देश में 14 फरवरी की शाम को मातम फैल गया। हर कोई इससे आहत और आक्रोशित था। परिजनों को उनके अपने को खोने का गम था तो देशवासियों को अपने वीर सपूतों के शहीद होने का दुख था।

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जम्मू- कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ ये हमला इतना भयानक था कि इसकी गूंज घटनास्थल से 20 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। ये धमाका इतना शक्तिशाली था कि घटना में शहीद हुए जवानों के शव जम्मू-कश्मीर की उस सड़कों पर बिखरकर उसे केसरिया कर गए। आज इस हमले को पूरे एक साल हो गए है और तमाम देशवासी अपने वीर सपूतों को याद कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा है।

 

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