पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन स्कीम: जानिए इसके लाभ और कार्य प्रणाली के बारे में

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नई दिल्ली। 13 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफार्म की शुरुआत की थी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कई लोग उपस्थित थे जिसमें देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और फाइनेंस और कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्टर अनुराग सिंह ठाकुर भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए बताया कि इस प्लेटफार्म के माध्यम से फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स होंगे। पीएम ने यह भी बताया कि फेसलेस एसेसमेंट तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर आज से शुरु हो जाएगा और फैसलेस अपील की सुविधा दीनदयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन जो कि 25 सितंबर को है उस दिन से पूरे देश में लागू किया जाएगा।

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पीएम मोदी ने संबोधन में बताया कि पिछले 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों में लगभग ढाई करोड़ लोग बड़े हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन प्लेटफार्म लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि अब टैक्स पेअर को डरने की जरूरत नहीं होगी। वह निडर होकर टैक्स भर सकेगा। इसका मतलब यह है कि आयकर विभाग टैक्स पेअर की डिग्निटी का ख्याल रखेगी तथा टैक्स पेअर की बात पर विश्वास करेगी तथा बिना किसी आधार के टेक्स्ट पेअर पर शक नहीं किया जाएगा।
पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन कार्य प्रणाली
इस के साथ हाईकोर्ट ने 1 करोड़ रुपए तक की सुप्रीम कोर्ट में दो करोड़ रुपए तक की केस की सीमा तय की गई है। जिसके जरिए यह प्रयास किया जाएगा कि केस कोर्ट के बाहर ही सुलझ जाए। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पैनलेस तथा फेसलैस बनाना है। जिसके माध्यम से टैक्स प्रणाली सिंपल हो पाएगी। सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब को भी घटाया है और प्रधानमंत्री जी ने यह भी बताया है कि हमारा देश दुनिया में सबसे कम कॉर्पोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।
जानिए पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन का उद्देश्य
पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन का मुख्य उद्देश्य उन सभी लोगों को संबोधित करना है जो इमानदारी से टैक्स भरते हैं। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी लोगों के लिए टैक्स प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करें और ज्यादा से ज्यादा लोग टैक्स भरें। जिससे कि देश का विकास हो। इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली को सीमलेस, पैनलैस तथा फेसलेस बनाया जाएगा।

टैक्स प्रणाली सीमलेस पेनलेस तथा फेसलेस
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि टेक्स्ट प्रणाली को सीमलेस, पैनलैस तथा फेसेलैस बनाया जाएगा। पेनलेस मतलब आयकर विभाग को टेक्स्ट पेअर की उलझन को उलझाने के बजाय सुलझाने पर जोर देना होगा तथा कष्ट हीन मतलब टेक्नोलॉजी से लेकर नियमों तक सब कुछ आसान बनाया जाएगा।
आयकर प्रणाली को आसान है बनाना
इस रिफॉर्म के माध्यम से आयकर प्रणाली को आसान बनाया जाएगा। जिसमें कम से कम कानून होगा और जो कानून होगा वह स्पष्ट होगा और आसान होगा जिसे टैक्स पेअर आसानी से समझ पाएंगे।
सरकार का दखल अब होगा कम
पीएम नरेंद्र मोदी जी ने बताया कि एक दौर में सुधारों की बात की जाती थी लेकिन किसी वजह से सुधार हो नहीं पाते थे। लेकिन अब यह अप्रोच बदल गई है। आज से यह जो नई व्यवस्था शुरू हो रही है इस नई व्यवस्था के माध्यम से देशवासियों के जीवन से सरकार के दखल को कम किया जाएगा।
ऑनरिंग द ऑनेस्ट
मोदी जी ने कहा कि पिछले 6 साल में सरकार का फोकस बैंकिंग द उंनबैक्ड पर, सिक्योरिंग द अनसिक्योर्ड पर और फंडिंग द अनफंडेड पर रहा है। अब सरकार ने यह नई व्यवस्था आरंभ की है जिसे हम ऑनरिंग द ऑनेस्ट के नाम से जानेंगे। इस व्यवस्था के अंतर्गत ईमानदार टैक्सपेअर के लिए टैक्स प्रणाली को आसान किया जाएगा।

जानिए पीएम मोदी ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन की लाभ और विशेषताओं के बारे में
पीएम मोदी ट्रांसफर इन टैक्सेशन की शुरुआत 13 अगस्त 2020 को पीएम मोदी के द्वारा किया गया है।
इस प्लेटफार्म के माध्यम से फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म किए गए हैं।
फेसलेस एसेसमेंट तथा ट्रांसपेरेंट चार्टर 13 अगस्त 2020 से लागू किया जाएगा तथा फैसला अपील 25 सितंबर 2020 से लागू की जाएगी।
इस प्लेटफार्म के माध्यम से टैक्स प्रणाली में सरलता लाई जाएगी।
टैक्स प्रणाली को सीमलेस पेनलैस तथा फैसेलेस बनाया जाएगा।
पीएम मोदी ट्रांसफर एंड टैक्सेशन के माध्यम से टैक्स की दरों में भी कमी आएगी।
विवाद से विश्वास अधिनियम 2020 प्रस्तुत किया गया है जिसके अंतर्गत विवादों से निपटने के लिए प्रक्रिया निर्धारित की गई हैं। इसके माध्यम से विवादों का समाधान किया जाएगा।
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मोड को बढ़ावा दिया जाएगा।
कोरोनावायरस संक्रमण के चलते इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेट भी बढ़ाई गई है।
इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। अब ₹500000 तक कोई टैक्स नहीं भरना होगा।
भारत दुनिया में सबसे कम कॉरपोरेट टैक्स वसूल करने वाले देशों में से एक है।

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