वाहन बीमा ट्रांसफर कैसे करें? नो क्लेम बोनस यानी एनसीबी क्या है?

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vahan beema transfer kaise karen
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क्या आप कोई सेकेण्ड हैड गाड़ी लेने जा रहे हैं? अगर हाँ तो आपको गाड़ी के सभी पार्ट चेक करने के अलावा एक और चीज को चेक करने और अंजाम देने की जरुरत है। वह है वाहन का बीमा। अक्सर लोग इस पहलू की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं लेकिन यह बहुत जरूरी होता है। अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से गाड़ी खरीदता है तो उसे बीमा को ट्रांसफर कराना होता है। आइये आज इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि वाहन बीमा ट्रांसफर कैसे करें-

पहले यह जान लेते हैं कि वाहन बीमा क्या होता है?

बीमा शब्द के बारे में आप सभी जानते हैं। यह सुरक्षा की एक गारंटी होती है। जैसे कोई व्यक्ति अपनी जिंदगी का बीमा कराता है और प्रीमियम जमा करता है ठीक उसी प्रकार से वाहन का भी बीमा कराया जाता है ताकि गाड़ी के टूटने, चोरी होने या अन्य कोई चीज होने पर बीमा कम्पनी वाहन के मालिक के नुकसान को भरपाई कर सके। इसके एवज में वाहन मालिक को बीमा का प्रीमियम जमा करना होता है।

वाहन बीमा ट्रांसफर के लिए जरूरी दस्तावेज

आरसी, फॉर्म 29 की नई प्रति

पुरानी पालिसी के नए कागजात

पुराने पॉलिसी होल्डर के नो ओब्जेक्शन सर्तिफ्केट यानि कि एनओसी

नोक्लेम बोनस की डिफ़रेंस रकम

बीमा कंपनी द्वारा जारी जांच रिपोर्ट

नया एप्लीकेशन फॉर्म

वाहन बीमा ट्रांसफर कैसे होता है

जब कोई गाड़ी खरीदता है तो बिक्री के 14 दिन बाद वाहन बीमा ट्रांसफर हो जाना चाहिए। मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 157 में बीमा ट्रांसफर के बारे में उल्लेख किया गया है।

वाहन बीमा ट्रांसफर करने के गाड़ी खरीदने के प्रमाण पत्र पेश करने बहुत जरूरी होते हैं। इसके बाद मोटर वाहन मालिकान हक का हस्तांतरण नोटिस आर्थात फॉर्म-29, फॉर्म 30 इंटिमेशान एप्लीकेशन, तथा मोटर वाहन मालिकान हक का हस्तांतरण भरना होता है। इस हस्तांतरण पर गाड़ी खरीदने और बेचने वाले दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। वाहन बीमा ट्रांसफार करते समय पुरानी बीमा पालिसी के कागजात भी अटैक करने होते हैं। जब आरसी में बदलाव आरटीओ में होता है, इसमें कुछ समय लगता है।

वाहन बीमा ट्रांसफर की प्रक्रिया

वाहन बीमा ट्रांसफर करने के लिए आपको अपने राज्य की आरटीओ वेबसाइट को विजिट करना होगा। यहाँ से फॉर्म-28, 29 तथा फॉर्म 90 को डाउनलोड करना होगा। डाउनलोड करने के बाद इन फॉर्म का प्रिंटआउट निकाल कर के इन फॉर्म को सही तरीकें से भरना होगा।

जब ये फॉर्म भर लें तो इन्हें आरटीओ ऑफिस में अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा कर दें।

इसके बाद आपको आरटीओ ऑफिस में फॉर्म जमा करने के बाद बिक्री के सबूत के तौर पर एक क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा।

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इसके बाद आपको अपने सभी कागजात को सम्बंधित इंश्योरेंस कंपनी में जमा करना होगा।

विभाग द्वारा निर्धारित फीस जमा करने के बाद आपको आपके नाम की पालिसी मेल के जरिये या कूरियर के जरिये आपको भेज दी जायेगी।

नो क्लेम बोनस (एनबीसी) क्या होता है

नो क्लेम बोनस का मतलब पालिसी के दौरान कोई कलेम न लेने पर बीमा कंपनी द्वारा पालिसी धारक को दिया जाने वाला डिस्काउंट या ईनाम ‘नो क्लेम बोनस’ कहा जाता है। सरल शब्दों में कहे तो अगर आपने अपने पालिसी के समय कोई क्लेम नहीं किया है तो उसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त लाभ दिया जाता है जिसे नो क्लेम बोनस (एनबीसी) कहा जाता है। पालिसी रिन्युवल के समय मिलने वाली यह छूट 20% से लेकर 50% तक की हो सकती है।

उम्मीद है कि आपको इस आर्टिकल में ‘वाहन बीमा ट्रांसफार’ करने के लिए जरूरी जानकारी मिली होगी।अगर आपको कुछ और जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेन्ट में करके प्रश्न भी पूछ सकते हैं। अगर आप हमें कुछ सलाह या जानकारी देना चाहते हैं तो आपका स्वागत है। आप कमेन्ट सेक्शन में हमें लिख सकते हैं। हम यथाशीघ आपके कमेन्ट का जवाब देंगे। अगर आपको बताई गयी जानकारी पसंद आयी हो तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों तथा नजदीकी लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं, ताकि किसी जरुरतमंद की मदद हो सके।

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