लेमन ग्रास की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान, कमा सकते है लाखों रुपए

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lemon grass

नई दिल्ली। नींबू की खुशबू जिस पौधे से मिलती है वही लेमन ग्रास यानि नींबू घास है। इसके तेल में सिट्राल पाए जाने से इसमें नीबू के जैसी सुगंध आती है। लेमन ग्रास या नींबू घास का महत्व उसकी सुगंधित पत्तियों के कारण होता है। बता दें कि पत्तियों से वैपर निकलने की प्रक्रिया के दौरान तेल को प्राप्त किया जाता है। इस तेल का उपयोग हम कई तरह की कॉस्मेटिक्स, सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, कीटनाशक और दवाओं में करते है।

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आज के समय में इसकी मांग देश और विदेशों में तेजी से बढ़ रही है जिससे नींबू घास की खेती अधिक लाभदायक हो गई है। बता दें कि,उपजाऊ भूमि पर साल भर में पांच फसलें ली जा सकती हैं। इसका मतलब यह कम समय में ज्यादा बार फसल देती है। यानि की एक साल में आप पांच बार इसका उत्पादन कर सकते है।

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जब बात करें इसके बुआई की प्रक्रिया की तो नींबू घास की बुआई बीज तथा स्लिप से की जाती है। दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे अच्छी होती है। इसके बीज से पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है फिर इन पौधों को खेतों में लगाया जाता है। इसकी उन्नत किस्मों की अगर बात करें तो यह प्रगति, प्रमान, चिरहरित, कृष्णा और नीमा हैं। फसल जब लग जाती है तो नींबू घास को अधिक पानी की जरुरत नहीं होती है। हर कटाई के बाद अगर सिंचाई कर दी जाए तो अच्छी पैदावार हो सकती है। इसकी रोपाई का सबसे अच्छा समय जुलाई से अगस्त तक होता है। वैसे अप्रैल में लगाई गई फसल से अधिक उपज मिलती है। इसकी रोपाई के पांच साल के प्रत्येक साठ से सत्तर दिन के अंतराल के बाद कटाई की जाती है। प्रति वर्ष 4-5 बार इसकी कटाई की जा सकती हैं। इसके फसल से प्राप्त हुए तेल की मात्रा का आधार जलवायु, जमीन की उपज, खेती की देखरेख, प्रजाति और कटाई का समय पर रहता है। प्रति एकड़ साल की चार बार कटाई से लगभग 100 किग्रा तेल प्राप्त किया जा सकता है। जबकि आने वाले समय में तेल की मात्रा बढ़ जाती है। एक बार फसल लगने पर आने वाले खर्च में हर साल कमी आती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि नींबू घास की खेती करना काफी लाभदायक है और इससे अच्छे मुनाफे भी कमाए जा सकते है। बता दें कि फूल आने से पहले फसल को काट लेना चाहिए।

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जानिए आसवन की प्रक्रिया
नींबू घास को काटकर खेत में छायादार यानि की शेड में  छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर मुरझाने के लिए डाला जाता है फिर घास को आसवन टैंक में डालकर आसवन की प्रक्रिया से तेल निकाला जाता है।
औषधीय पौधे के लाभ 
– औषधीय पौधों की खेती कम जगह में करने पर भी कीमत अधिक होने के कारण लाभ अधिक होता है।
– बाजार में इस औषधि की कीमत अधिक है।
– जिन किसानों के पास कम जमीन है वह औषधीय की खेती करके अन्य फसलों की खेती कर बराबर का मुनाफा कमा सकते है।
– औषधीय पौधों में खरपतवार और कीटों का प्रकोप कम रहता है।
– औषधीय पौधों की खेती करने वालों का प्रतिशत काफी कम होता है इसलिए बाजार की मांग की पूर्ति पूरी तरह नहीं हो पाती है। जिससे इनकी कीमत हमेशा अधिक रहती है। इसलिए लाभ अधिक होता है। तो ऐसे में यह खेती आपको सिर्फ मुनाफा ही देगी।

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नींबू घास की खेती करने के इच्छुक किसान उद्यान विभाग से संपर्क कर तकनीकी जानकारी ले सकते हैं। इसकी खेती करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। नींबू घास से कम लागत में अधिक मुनाफा मिल सकता है। तो आप भी यह खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है। ऐसे ही तमाम न्यूज और योजनाओं की जानकारी के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ ताकि आपको ऐसी खबरें आसानी से मिल सके।

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