नई दिल्ली। भारत में आज भी महिलाओं की हालत नाजुक है। लाख कोशिशों के बावजदू भी भ्रूण हत्या अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। हालात ऐसे है कि आज भी बेटो और बेटियों में समानता ना के बराबर आई है। हालांकि पहले के मुकाबले कुछ सकारात्मक बदलाव जरूर आए हैं, लेकिन वो नाम मात्र ही है। यही कारण है कि घटते हुए लिंगानुपात को देखते हुए लाड़ली लक्ष्मी योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत लोगों को बच्चियों के जन्म, शिक्षा, विवाह और स्वास्थ्य के लिए सहायता दी जाएगी।
जानिए योजना का इतिहास
इस योजना को मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2007 में शुरू किया था, जिसकी सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों ने भी इसे अपनाया। आज लिंग अनुपात, शिक्षा और बालिकाओं की सेहत को सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड जैसे राज्य भी इस योजना से जुड़ चुके हैं।
गैर-टैक्स दाता को लाभ
इस योजना का लाभ गैर–टैक्स भुगतान करने वाला परिवार उठा सकता है। इस योजना के तहत जिन लड़कियों का नाम शामिल है, उन्हें शैक्षिक खर्च एवं सुविधाएं प्रदान किए जाएंगें। इसी तरह विवाह के लिए भी आवेदक के परिवार को 1 लाख रूपए तक की सहायता मिलेगी। लेकिन ध्यान रहे कि अगर लड़की की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले की जा रही है, तो वो इस योजना के तहत लाभ नहीं उठा पाएगी।
जानिए क्या है नियम
योजना का लाभ केवल उन माता-पिता को मिलेगा, जो दूसरी बालिका के होने के बाद परिवार नियोजन को अपना चुके हैं। योजना की राशि तभी तक लड़की को मिलेगी, जब तक उसकी शिक्षा चल रही है। किसी कारण से अगर शिक्षा बीच में ही छुट गई है, तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस योजना के तहत एक परिवार की दो लड़कियों को लाभान्वित किया जाएगा। वैसे, अगर पहले की दोनो लड़कियां जुड़वां हैं, तो तीसरी बच्ची भी लड़की है तो उसे भी योजना का लाभ मिलेगा।