History,tourism & culture food of New Delhi-नई दिल्ली का इतिहास ,पर्यटन और संस्कृति भोजन

भारत देश की यात्रा अपने आप में एक अदभुत एहसास है, और भारत की राजधानी दिल्ली की यात्रा एक बहुत ही अच्छे तरह से स्मरण होती है। दिल्ली भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है जो कि आधुनिकता और प्राचीनता का बिलकुल उपयुक्त मिश्रण है। अधिकारपूर्ण रूप से नेशनल कैपिटल टेरिटरी डेल्ही को हिंदी भाषा में दिल्ली बोला जाता है। यह मुंबई के बाद सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर है जो कि देश कि नई दिल्ली एन सी टी का भाग है। दिल्ली शहर में देश की संस्कृति, इतिहास और विस्मित चीज़ों का मिश्रण मिलेगा। यह अकेली भारत की राजधानी ही नहीं बल्कि राजनीतिक गतिविधियों की भी राजधानी है, जिसके कारण यह रमणीय स्थान है और पर्यटन पारखियों को अपनी तरफ खींचती है। दिल्ली उत्तर भारत में स्थित है। दिल्ली भूगोल की दो प्रमुख गुण हैं – यमुना नदी और दिल्ली रिज। दिल्ली की एक मात्र मुख्या नदी है यमुना नदी। दिल्ली में गर्मी भी बहुत होती है और ठण्ड में तो दिल्ली पुरे कोहरे सी भर जाती है। जैसे की दिल्ली का इतिहास भी बहुत ही विविध है वैसे ही इसकी संस्कृति भी। दिल्ली में होली, दिवाली, कृष्ण जन्माष्टमी, लोहडी, महावीर जयंती जैसे हिन्दू त्यौहार तो मनाए जाते हैं लेकिन साथ ही साथ यहाँ वसंत पंचमी, क़ुतुब त्योहार, विश्व पुस्तक मेला और अंतराष्ट्रीय आम फेस्ट जैसे कई अलग और लोगों को प्रिये त्यौहार भी मनाए जाते हैं। दिल्ली शहर वह शहर है जहाँ मुग्लई व्यंजनों का शुरू हुआ, जिसका असर दिल्ली के भोजन की चीज़ों में दीखता है। इसकी बजाए यहाँ बहुत सारे भारत के व्यंजन भी बहुत ही मशहूर हैं जैसे की चाट, कडाही चिकन, लस्सी, चिकन मक्खन, कचोडी और जलेबी दिल्ली के कुछ मशहूर भारतीय व्यंजन है। दिल्ली में बने हुए कुछ पर्यटक स्थल और यादगार चीज़ें हैं जो पिछले ज़माने की याद दिलाते हैं। दिल्ली का मशहूर इंडिया गेट, अक्षरधाम मंदिर, क़ुतुब मीनार, लोटस मंदिर, लाल किला और दिल्ली का आर्किटेक्चर उन्नत कृतियों में से एक है। दिल्ली को “शोप्र्स पैरडाइस” से भी जाना जाता है क्यों की यह ऐसी जगह है जहाँ एक ही जगह पर सभी चीज़ें उपलब्ध होती हैं। यहाँ बहुत ही आकर्षिक स्थान हैं जिनमे मौजूद हैं – देश की राजधानी और राजनीतिक गतिविधियों की राजधानी, इस सुंदर दिल्ली में संसद घर, राष्ट्रपति भवन जो देश के राष्ट्रपति का सरकारी घर है और महात्मा गाँधी की समाधि स्मारक – राजघाट। दिल्ली शहर कुछ साम्राज्यों की राजधानी रह चुकी है और अगर आप इतिहास के प्रेमी हैं तो दिल्ली के अनोखे और अदभुत इतिहास को देखने के लिए एक बार दिल्ली अवश्य पधारें। इस शहर में लाल किले से लेकर क़ुतुब मीनार तक कुछ ऐसी ऐतिहासिक स्मारकें, समाधियाँ, मस्जिदें, और कुछ दूसरे धरोहरें मौजूद है जो अपने प्राचीन काल को दर्शाते हैं। इसमें तो दिल्ली की एक झलक ही दिखलाई गई है लेकिन इसका पूरा लुफ्त उठाने के लिए आपको दिल्ली घूमना ही पड़ेगा। पिछले समय से लेकर आज के समय तक दिल्ली में लगातार बदलाव होता रहा है। इसका एक मुख्य स्थान है – चांदनी चौंक का बाज़ार। इस जगह का सबसे बड़ा गुण यह है की यहाँ एक ही जगह पर मस्जिद, गुरुद्वारा, मंदिर, और जैनमंदिर स्थापित है जो की राष्ट्रीय एकता का लक्षण है। इसके इलावा पाण्डवों का किला, निजामुद्दीन औलिया की मजार, कुतुबमीनार, मिर्जा गालिब का घर, राजघाट, कनाट प्लेस, हुमायूँ और रहीम का मकबरा, लोदी गार्डन, बिड़ला मंदिर, म्यूजियम, राष्ट्रपति भवन, लाल किला, बुद्ध जयंती पार्क, फिरोजशाह कोटला, फिरोजशाह कोटला, इण्डिया गेट, फिरोजशाह कोटला, चिड़ियाघर, विजयघाट, जन्तर-मंतर, शक्तिस्थल, नेहरूबाल संग्रहालय, संसद भवन, लोटस टेम्पल, आदि बहुत ही ज़्यादा दर्शनीय और आकर्षिक जगह हैं। यहाँ हर मोके पर सारे ही जातियों और धर्मों के लोग एक साथ मिलकर अपनी खुशियां और दुखों को बांटते हैं। दिल्ली सिर्फ महानगर ही नहीं, बल्कि भारत का दिल भी है।

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