गुणों से भरपूर है बिहार का फेमस दही-चूड़ा, जानिए इसके फायदे

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नई दिल्ली।आज की भागती -दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास ब्रेकफास्ट करने का वक्त तक नहीं है औऱ कहा जाता है कि ब्रेकफास्ट दिन का सबसे जरुरी भोजन होता है। तो ऐसे में आज हम बात कर रहें है बिहार के फेमस दही-चूड़ा की जो कि आसानी से बन भी जाता है और इसके गुणों को जानकर आप चौंक जाएंगे। जी हां, बिहार का फेमस दही-चूड़ा अपने गुणों के लिए जाना जाता है और यह आपके लिए ब्रेकफास्ट का एक अच्छा विकल्प भी है।

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भले ही आजकल लोग मॉर्डन लाइफस्टाइल को अपनाते हुए पास्ता, मैगी,पैनकेक, ब्रेड रोल, इत्यादि को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल कर रहे हैं, लेकिन आज भी बिहार से जुड़े लोग और देश के अन्य हिस्सों में लोग दही-चूड़ा जैसा पारम्परिक नाश्ता को करना पसंद करते हैं। ये सरल और सुपाच्य होने के साथ ही अनेक पौष्टिक गुणों से भरपूर है। देश के कुछ हिस्सों में तो दही-चिवड़ा या दही-चूड़ा को इतना पवित्र माना जाता है, कि इसका उपयोग धार्मिक प्रसाद के रूप में भी किया जाता है।
बिहार, झारखंड और उतरप्रदेश में कई इलाकों में इस ग्‍लूटेन फ्री आहार को नाश्‍ते के रुप में खाना पसंद किया जाता है। बिना पकाएं खाएं जाने वाले इस चपटे चावल को पहले नल के नीचे रखकर अच्‍छे से धोया जाता है।फिर इसमें दही और चीनी या गुड़ मिलाया जाता है। जो इसे हैवी मील का रुप दे देती है। धार्मिक मान्‍यता बिहार और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूरा या दही-चूड़ा को खाना सौभाग्‍य से जोड़कर देखा जाता है। दही-चूड़ा पहला व्यंजन है जो इस शुभ दिन काले तिल के साथ खाया जाता है।

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चूड़ा यानी चावल का एकदम चपटा भाग खाने में हैवी होता है लेकिन यह आसानी से पच जाता है। जब इसे दही के साथ दिन के पहले आहार के रुप में खाया जाता है, तो यह न केवल आपके लंबे पेट को लम्‍बे समय तक भरा हुआ रखता है, बल्कि पाचन क्रिया को भी आसान बनाता है, और यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। फाइबर युक्‍त चूड़ा, गैर-संसाधित चपटे या समतल चावल का रुप होता है जो फाइबर सामग्री में समृद्ध होता है। और ये पाचन प्रक्रिया को सुचारू बनाता है और आंतों को भी स्वस्थ रखता है।

जो लोग हाई एनर्जी और कम कैलोरी से भरपूर नाश्‍ता करना पसंद करते है, उन लोगों के ल‍िए ये एकदम परफेक्‍ट हेल्‍दी ऑप्‍शन वन पॉट मील है। विशेषज्ञों के अनुसार, दही-चिवड़ा में अन्य आवश्यक पोषक तत्वों के साथ सिर्फ 300 कैलोरी मौजूद होती है।

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आयरन से भरपूर गर्भवती महिलाओं को विशेषज्ञ ये सलाह देते है कि उन्‍हें दही-चूड़ा, नाश्‍ते में करना चाह‍िए। क्‍योंकि ये आयरन से भरपूर होता है। इसके अलावा ये गर्भकालीन एन‍िमिया को दूर करता है। पेट की समस्‍या दूर करता है बिहार और यूपी में, यह व्यंजन अक्सर दस्‍त लगने जैसी समस्‍या होने पर दिया जाने वाला पहला भोजन है। ये हल्का और पचाने में आसान होता है, इसके अलावा ये पाचन क्रिया को शांत करता है और आंत को ठंडा करता है।
अगर आपको मीठा खाना पसंद नहीं है तो आप दही- चूड़ा के मिश्रण में नमक, कटे हुए प्याज, हरी मिर्च, इत्यादि डाल कर भी खा सकते हैं।
तो फिर जैसे मर्जी हो वैसे खाएं और अपने हिसाब से दही-चूड़ा में एक्सपेरिमेंट करते रहे और इस हेल्दी मिल को अपने डेली डाइट में शामिल करें।

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