Fact about jabalpur of History,food & tourist places-जबलपुर का इतिहास, भोजन और पर्यटन स्थलों के बारे में तथ्य

मध्यप्रदेश का एक ख़ास शहर है जबलपुर जो की नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित है। वैसे तो जबलपुर बहुत ही कारणों से प्रचलित है लेकिन अगर पयर्टन की नज़र से देखा जाए तो इसका मध्यप्रदेश में एक महत्वपूर्ण स्थान है। जबलपुर को संगमरमर का शहर भी बोला जाता है क्यूंकि यहाँ के भेड़ाघाट में संगमरमर की चट्टानें मिलती हैं। पूरी ही दुनिया में संगमरमर चट्टानों के कारण लोकप्रियता मिली है और यह पयर्टन के केंद्र में भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह रखता है। भेड़ाघाट जबलपुर शहर के साथ खड़ा होता है और एक पयर्टन स्थान भी है। यह शहर एक तरह से कॉस्मोपोलिटन सिटी है। अपनी औद्योगिक और सामरिक संपन्नता से यह शहर आर्थिक तौर पर बहुत ही तेज़ रफ्तार ते विकास कर रहा है। यह शहर ऐतिहासिक महत्व का भी एक शहर है। गोंड और कलीचुरी वंश ने अंग्रेज़ों से पूर्व यहाँ राज किया था। थोड़े थोड़े समय के लिए मूगों और मराठा ने भी यहाँ राज किया था।
जो लोग जबलपुर शहर को घूमने के लिए आते हैं उनके लिए यहाँ बहुत सारे विकल्प होते हैं। जबलपुर के धार्मिक स्थानों में मुख हैं – त्रिपुर सुंदरी मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर और पिसनहारी की मढ़िया। पशु और पक्षी प्रेमियों को अपनी ओर खींचने वाला एक और लोगों का पसंदीदा स्थान है जिसे डुमना नेचर रिजर्व कहते हैं। देश और विदेश से जबलपुर बरगी डेम पक्षी प्रेमियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। जबलपुर के चर्चित पिकनिक स्थानों में से धुआंधार जलप्रपात है। दूसरे पयर्टन स्थानों में प्राकृतिक हनुमान ताल, संग्राम सागर झील और तिलवारा घाट बहुत ही महत्वपूर्ण स्थलों में से हैं। इस स्थान पर रानी दुर्गावती मेमोरियल म्यूजियम और मदन महल किला प्राचीन काल को दर्शाते हैं। उस समय की बची हुई चीज़ें वर्तमान में भी मंदिरों और किलों में सुरक्षित हैं।
जबलपुर का बहुत ही चर्चित स्थान है संग्राम सागर झील। इस झील में रहने वाले जलीय जंतुओं और प्रवासी पक्षियों के कारण भी संग्राम सागर झील बहुत ही मशहूर है। यह तनाव कम करने के लिए बहुत ही बेहतर वातावरण प्रदान करती है। अगर आपको प्राकृतिक सुंदरता और शांति पसंद है तो आपको इस झील पर अवश्य जाना चाहिए। हर वर्ष बैलेंसिंग रॉक्स बहुत ज़्यादा मात्रा में पयर्टकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस शहर में पयर्टन को साथ ही साथ बढ़ावा देने में भी खास भूमिका निभाई है।
जबलपुर में आने वाले पयर्टकों को स्वादिष्ट भोजन की लम्बी सारी सूची मिलती है। लोगों को सबसे ज़्यादा पसंदीदा है जलेबी, चाट और खोवा। इस शहर की चाट गली में अलग अलग तरह के चाटों के लिए बहुत ही मशहूर हैं। खोवा-जलेबी, रबड़ी और चाट एक दूसरे से मिलकर इस शहर में बिताई शाम को और भी सुंदर कर देंगे। मध्यप्रदेश के संस्कारधानी के रूप से भी जबलपुर शहर को जाना जाता है। जबलपुर में संस्कृति और कला के क्षेत्र से जुड़े कुछ बड़े हस्ताक्षर का काफी गहरा रिश्ता है। राममनोहर सिन्हा जो की अंतरराष्ट्रीय पटल पर जाने वाले जानने जाते हैं, उनका संबंध भी इसी शहर से है। उन्होंने भारतीय संविधान की साज-सज्जा और मूल प्रस्तावना की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस शहर के बारे में यह बात बहुत ही दिलचस्प है की ब्रिटिश राज के समय पर यहाँ स्नूकर का अविष्कार भी किया गया है। असल में तो ब्रिटिश अधिकारिओं के बीच में बिलियर्डस बहुत ही पसंदीदा खेल था। जबलपुर में यातायात के सभी साधन उपलब्ध हैं जैसे की सड़क मार्ग, रेल और हवाई। इस शहर में रेलवे स्टेशन की बजाए डुमना हवाई अड्डा भी है जहाँ से दिल्ली, इंदौर और मुंबई से लगातार फ्लाइट्स जाती और आती हैं। जब सर्दी का मौसम आता है तो जबलपुर शहर को घूमना सबसे अच्छा होता है क्यूंकि उस समय यहाँ मौसम बहुत ही सुहाना और खुशमिज़ाज़ होता है।

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