पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को कल राजकीय अंत्येष्टि की गई। राज्यकीय अंत्येष्टि के साथ किए जाने वाले अंतिम संस्कार में पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है। दिवंगत व्यक्ति के सम्मान में मिलिट्री बैंड शोक संगीत बजाते हैं और इसके बाद उन्हें बंदूकों की सलामी दी जाती है।
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को कल दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय अंत्येष्टि दी गई, लेकिन यदि नियम-कानून की बात करें तो केवल वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्री, वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान और पूर्व राज्य मंत्री ही इस तरह के अंतिम संस्कार के हकदार हैं। लेकिन समय के साथ नियम बदल गए और इसके बारे में कहीं लिखित रूप से कोई प्रवाधान नहीं है। अब यह सरकार के विवेकाधिकार पर है कि किसका पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करना या तिरंगे द्वारा शव को ढकने के लिए सरकार राजनीति, साहित्य कानून, विज्ञान और सिनेमा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मृत व्यक्ति द्वारा किए गए योगदान को ध्यान में रखती है। मदर टेरेसा, सत्य साईं बाबा और श्रीदेवी को भी राज्यकीय अंत्येष्टि दी गई थी और भारत में पहली राज्यकीय अंत्येष्टि महात्मा गांधी को दी गई थी।
कैसे दी जाती है अधिसूचना
किसी गणमान्य व्यक्ति की मृत्यु के बाद, सरकार उनकी मृत्यु की घोषणा करते हुए एक राजपत्र अधिसूचना जारी करती है। अधिसूचना काली पट्टी के साथ जारी की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के मामले में, सरकार द्वारा एक गजट अधिसूचना जारी की गई थी। इसी तरह, राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका देने के निर्देश के साथ राजकीय शोक भी घोषित किया जाता है। कुछ मामलों में सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश की भी घोषना होती है। इसी तरह की प्रक्रिया का पालन तब किया जाता है जब राज्य सरकारें राजकीय अंत्येष्टि की घोषणा करती हैं। इस समय की तात्कालिक स्थिति के कारण, सरकार आमतौर पर सभी राज्यों और अन्य सरकारी विभागों को राष्ट्रीय शोक, झंडा फहराने आदि के बारे में एक वायरलेस संदेश भेजती है।
राजकीय अंत्येष्टि के लिए जब गृह मंत्रालय राजपत्र अधिसूचना जारी करता है, तो रक्षा मंत्रालय अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था करता है। अटल बिहारी की मृत्यु के वक्त तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्यक्तिगत रूप से अंतिम संस्कार की पूरी व्यवस्था की थी।
किस तरह की जाती है राजकीय अंत्येष्टि
राजकीय अंत्येष्टि के साथ किए जाने वाले अंतिम संस्कार में पार्थिव शरीर तिरंगे में लपेटा जाता है।
दिवंगत व्यक्ति के सम्मान में मिलिट्री बैंड शोक संगीत बजाते हैं और इसके बाद उन्हें बंदूकों की सलामी दी जाती है।
आजाद भारत में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार महात्मा गांधी का किया गया था।
ग़ैर राजनीतिज्ञों और ग़ैर आर्मी पर्सनल्स में – मदर टेरेसा, सत्य साईं बाबा, श्रीदेवी आदि का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जा चुका है।