विरासत – दस्तकारों के लिए ऋण योजना- Virasat Credit Scheme

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Virasat Credit Scheme in Hindi

देश में हथकरघा उद्योग हाशिए पर है। कई सारे दस्तकार अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने दस्तकारों के हित में एक लोंन स्कीम लांच की है। जिसका नाम विरासत योजना है। आइये इस योजना के बारें में विस्तार से जानते हैं-

हथकरघा और हस्तशिल्प पुरातन काल से हमारी अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। देश भर में फैले लाखों दस्तकारों को रोजगार मुहैया कराए जाने के लिए पूंजी की मदद का प्रावधान रखते हुए, इन गतिविधियों को टिकाऊ और स्थायित्व प्रदान करना वर्तमान समय में बहुत जरूरी हो गया है। अल्पसंख्यक समुदायों के दस्तकारों की एक बड़ी संख्या को पूंजी के अभाव में कच्चे माल की खरीद के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

हालांकि दस्तकारों को वरीयता देते हुए एनएमडीएफसी (National Minorities Development & Finance Corporation) द्वारा सावधि ऋण (टर्म लोन) दिया जाता है। लेकिन, एनएमडीएफसी की एससीए (State Channelizing Agencies) द्वारा दिए जाने वाले लोन का कुल 4 प्रतिशत ही दस्तकारों को मिल पाता है। विरासत योजना में दस्तकारों को टर्म लोन योजना की तुलना में 1 प्रतिशत कम व्याज दर पर लोन दिया जाता है।

विरासत योजना का उद्देश्य

विरासत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) द्वारा चलाई जा रही शिल्पकारों (दस्तकारों) के लिए एक क्रेडिट योजना है। यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों को उनके काम में आने वाली जरुरत की चीजों जैसे कि मशीनरी, उपकरण और हथियार को खरीदने में मदद करने के लिए उन्हें फंड देने में मदद करने के लिए शुरू की गयी है।

विरासत योजना का लाभ

  • इस योजना के तहत शिल्पकारों को 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जायेगा।
  • टर्म लोन योजना के तहत 1% से कम ब्याज दर लगेगी।
  • इसके अलावा महिला कारीगरों के लिए 1% लोन छूट इस योजना के तहत दी जाती है।

एनएमडीएफसी कारीगरों को पारंपरिक शिल्प कारीगरी को बढ़ावा देने के लिए हुनर हाट प्रदर्शनी लगाकर उनकी कलाकृतियों को बेचने या ऑर्डर पाने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

विरासत योजना का लाभ लेने के लिए योग्यता

विरासत - दस्तकारों के लिए ऋण योजना
विरासत – दस्तकारों के लिए ऋण योजना

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम (नेशनल कमीशन ऑफ़ माइनियारिटी एक्ट), 1992 के अनुसार, अधिसूचित अल्पसंख्यकों में कारीगर मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी शामिल हैं। इसके अलावा जनवरी, 2014 में जैन समुदाय को भी अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों की सूची में जोड़ा गया। ये सभी अधिसूचित समुदाय इस योजना का लाभ ले सकते हैं जो इस अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्ध नहीं रखता है वह इस योजना का लाभ नही ले सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में 81,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 1.03 लाख रुपये की वार्षिक पारिवारिक आय वाले कारीगर ही इस योजना के तहत लोन पा सकते हैं।

एमएनडीएफसी उन कारीगरों को लोंन देने में ज्यादा वरीयता देगा जो हुनर हाट प्रदर्शनियों में भाग लेते हैं।

इसके अलावा जो शिल्पकार या कारीगर सरकार की अन्य ऋण योजना के तहत पहले से लाभ ले रहे हैं उन्हें इस योजना के तहत लोंन नहीं मिलेगा।

विरासत योजना के लिए जरूरी डॉक्युमेंट

संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा नामित संबंधित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियां (एससीए) इस योजना को लागू करती हैं।

प्रत्येक चैनलाइजिंग एजेंसी का जिला स्तर पर एक कार्यालय होता है जहां लाभार्थी को औपचारिक रूप से आवेदन करने की जरूरी होती है। इसके लिए ऑफ़लाइन ही आवेदन किया जा सकता है।

एससीए/ दस्तकार का मार्जिन:

एनएमडीएफसी लोन राशि का 90 प्रतिशत प्रदान करेगी। शेष बचे 10 प्रतिशत को एससीए/दस्तकार द्वारा दिया जाएगा, जिसमें कम से कम 5 प्रतिशत की राशि दस्तकार को देनी होगी।

मोरेटोरियम पीरियड

एनएमडीएफसी द्वारा दिए गए लोन की तारीख से राशि का उपयोग करने के लिए एससीए को 3 महीने का समय मिलेगा। दस्तकारों को अपनी यूनिट स्थापित करने के लिए 6 महीने का समय (मोरेटोरियम पीरियड) दिया जाएगा।

दस्तकार द्वारा मूल राशि की अदायगी, मोटेरियम पीरियड के ख़त्म होने के बाद अगली तिमाही में शुरू होगी। उदाहरण के लिए यह तिमाही31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर या 31 दिसंबर। दस्तकार को मोटेरियम पीरियड का ब्याज पहली किस्त देने के समय मूलधन के साथ चुकाना होगा।

लोन चुकाने का समय

मारेटोरियम पीरियड के बाद, दस्तकार को लोन 5 सालों में त्रिमासिक किश्तो में चुकाना होगा। एससीए द्वारा एनएमडीएफसी को लोन की वापसी 8 सालों में करनी होगी।

 

प्रश्न और उत्तर (Q&A)

प्रश्न: विरासत योजना क्या है?

 

उत्तर: शिल्पकारों के लिए विरासत क्रेडिट योजना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और निगम द्वारा शुरू की गयी एक लोंन से सम्बंधित योजना है। इसके तहत शिल्पकारों को अपना रोजगार बढ़ाने के लिए बहुत ही कम ब्याज पर लोन दिया जाता है।

प्रश्न: विरासत योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?

उत्तर: इस योजना का लाभ शिल्पकार और कारीगर ही ले सकते हैं

प्रश्न: विरासत योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

उत्तर: इसके लिए आपको ऑफ़लाइन आवेदन की प्रक्रिया का पालन करना होगा। आवेदन करने के लिए हर एक जिले में एक चैनलाइजिंग एजेंसी होती है, यही पर जाकर लाभार्थी औपचारिक रूप से आवेदन कर सकते हैं।

उम्मीद है कि इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। अगर आपको कोई और जानकारी चाहिए तो आप कमेन्ट सेक्शन में हमसे पूछ सकते हैं। हम आपको यथाशीघ्र जानकारी प्रदान करेंगे।

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