पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के सिनियर नेता पी. चिदंबरम के आईएनएक्स मीडिया केस पर सोमवार को जस्टिस आर भानुवति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ सुनवाई करेगी।
उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था और उन्होंने आईएनएक्स मीडिया केस में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के साथ उन्हें सोमवार तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी इस नई अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगी।
शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज किये गये मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चिदंबरम को सोमवार तक के लिए गिरफ्तरी से छूट दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की अर्जी पर ईडी से जवाब भी मागा और निर्देश भी दिया था कि सभी तीन मामलों को सोमवार को उनके सामने सूचीबद्ध किया जाए। चिदंबरम ने दलील दी है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है कि हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 और 21 अगस्त को सुनवाई नहीं की तथा उन्हें 21 अगस्त के रात को गिरफ्तार कर लिया गया।
चिदंबरम की कई याचिकाओं पर दलीलें पेश करने के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया था कि उन्होंने उस समय आईएनएक्स मीडिया समूह के प्रोमोटरों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी से उनके बेटे का ध्यान रखने के लिए कहा था जब वे विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के लिए उनसे मिले थे। साथ ही उन पर ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि जांच में पाया गया कि चिदंबरम के पास 11 अचल संपत्तियां और विदेशों में 17 बैंक खाते थे इसलिए इस मामले में बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा था, “इंसाफ पाना चिदंबरम का मूल अधिकार है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन जिस तरह से मामले को डील किया जा रहा है, वह बेचैन करने वाला है।