जानिए कैसे करें तुलसी की खेती, बाजार में मिल रहा है अच्छा दाम !

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नई दिल्ली। आज के समय में या यूं कह लें कि कोरोना काल में तुलसी की डिमांड सबसे ज्यादा बढ़ी है। इम्युनिटी बढ़ाने की बात हो तो तुलसी के काढ़े की याद आती है..सर्दी और जुकाम के लिए भी तुलसी की जरुरत पड़ती है। भले ही कई रोजगार कोरोना काल की बलि चढ़ गए हो लेकिन लोग अपने गांवो की ओर पलायन कर खेती की ओर बढ़ रहे ताकि वह अपने परिवार के साथ सुरक्षित भी रह सके और उनकी रोजी-रोटी भी चल सके।

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यदि आप वानस्पतिक खेती कर के पैसा कमाना चाहते हैं, तो इसमें तुलसी का पौधा आपकी मदद कर सकता है। हर घर में मिलने वाली तुलसी का महत्व लोग धार्मिक या सांस्कृतिक रूप से ही समझते हैं और इसका उपयोग ज्यादातर पूजा के लिए ही करते है, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि यह पौधा व्यापारिक दृष्टिकोण से भी काफी मुनाफा देने वाला है। तो चलिए आपको इसकी खेती के बारे में बताते हैं कि कैसे आप तुलसी की खेती कर पैसा कमा सकते है।
तुलसी हर घर में पाया जाता है
तुलसी को कई नामों से जाना जाता है, लेकिन इसका साइंटिफिक नाम ओसिमम सैंकशम है और इसे घरेलू पौधो की कैटेगरी में रखा गया है। भारत में इसका उत्पादन काफी बड़े स्तर पर होता है, लेकिन व्यापार की दृष्टि से इसे कम लोग ही उगाते हैं।
तुलसी में है भरपूर औषधीय गुण 
खराब जीवों और विषाणुओं को रोकने में तुलसी होती है असरदार। कई शोधों में यह दावा भी हुआ है कि हवा को शुद्ध करने में भी तुलसी काफी सहायक है। इसके अलावा तनाव, बुखार, सूजन जैसी बीमारियों में भी इसका उपयोग उपचार के रुप में किया जाता है।

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मिट्टी
वैसे तो इसकी खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन अच्छे पैदावार के लिए इसे नमकीन, क्षारीय जमीन अच्छा माना जाता है।
खेती की तैयारी
बिजाई से पहले खेतों की अच्छे से जुताई कर भूमि को भुरभुरा बना लिया जाता है। यदि जरूरत हो तो खाद का उपयोग भी आप कर सकते है। वैसे इसे विशेष खाद की जरूरत नहीं होती है।
बिजाई
बिजाई के लिए 4.5 x 1.0 x 0.2 मीटर का सीड बैड तैयार करना लाभदायक है। बीजों को 60×60 सैं.मी. के अंतर पर 2 सैं.मी की गहराई में बोयें।
खरपतवारों को दूर करें
खरपतवारों को दूर करने के लिए निड़ाई-गुड़ाई करें। रोपण के एक महीने बाद पहली गुड़ाई करना जरूरी होता है।
सिंचाई
गर्मियों में हर सप्ताह में एक सिंचाई करना जरूरी होता है। बारिश के समय में इसे अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती है।
कीट और रोकथाम
तुलसी के पौधों को सबसे ज्यादा नुकसान पत्ता लपेट सुंडी वाले कीड़ो से होता है। यह सुंडिया पत्तों, कली और फसल को अपनी चपेट में लेकर उसे खा जाती है और फसल को खराब कर देती है।
इसकी रोकथाम के लिए जैविक कीटनाशकों का छिड़काव आप अलग से कर सकते हैं। इसके अलावा आप कुइनल्फोस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
फसल की कटाई
रोपण के करीब तीन महीने के बाद तुलसी की कटाई की जा सकती हैं। उपज का उपयोग आप कई कामों के लिए कर सकते हैं, जैसे तेल के लिए, दवाईयों के निर्माण के लिए, माला और सजावटी सामान बनाने के लिए। बाजार में तुलसी की काफी अच्छी मांग है।

तो इस तरह से आप तुलसी की खेती कर अच्छा व्यवसाय कर सकते है और इसके जरिए पैसे भी कमा सकते है।

आपके पास भी इससे जुड़ी कोई जानकारी है या कोई प्रश्न है जो आप हमसे पूछना चाहते है तो आप हमें कमेंट कर पूछ सकते है आपको हर संभव सहायता दी जाएगी। साथ ही ऐसी योजनाओं और रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ ताकि आप तक ऐसी जानकारी पहुंचती रहे।

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