इब्राहीम लोदी (लोदी वंश) का इतिहास – Ibrahim Lodi History in Hindi

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Ibrahim Lodi History in Hindi
Ibrahim Lodi History in Hindi

इब्राहीम लोदी,लोदी वंश का अंतिम शासक था उसने 1527 लेकर 1526 तक भारत पर राज किया इब्राहिम लोदी अपने पिता सिकंदर लोदी के मौत के बाद गद्दी पे बैठा उसकी शासकीय योग्यता पिता की तरह नहीं थी उसे अनेको बिद्रोहियों का सामना करना पड़ा

इब्राहिम लोदी ने अपने राज्य का विभाजन कर के अपने भाई जलाल खान को जौनपुर का शासक बनाया फिर बाद में पुनः जोनपुर को अपने राज्य में मिला लिया सिंहासन पर बैठने के बाद इब्राहिम लोदी ने ग्वालियर पर आक्रमण कर दिया और वहां  के तत्कालीन राजा बिक्रमजीत सिंह ने इब्राहिम लोदी की अधीनता अपना लिया

मेवाड़ के राजा राणा संग्राम सिंह भी अपना साम्राज्य बढ़ाने लगे और इब्राहिम लोगी को आगरा पर हमले की धमकी दी और खतौली के युद्ध में इब्राहिम लोदी राणा सांगा से हार गया इस युद्ध में राजा सांगा ने अपना बाँया हाथ खो दिया और राणा सांगा ने चंदेरी पर कब्ज़ा कर लिया । मेवाड़ और इब्राहिम लोदी के बीच  लड़ाई का मुख्य कारण मालवा पर अधिकार को ले कर था इब्राहिम लोदी ने लोहानी, फ़ार्मुली और लोदी जातियों पर बहुत दमन किये जिससे उनके शक्तिशाली सरदार नाराज हो गए।

 

इब्राहिम लोदी से नाराज सरदारों ने इब्राहिम लोदी के खिलाफ बगावत कर दी इस तरह उतर पूरब हर जगह इब्राहिम लोदी का विद्रोह  शुरू हो गया इतना हीं नहीं अपने एक पूर्ब  सेना वफादार  के साथ गद्दारी किया जिससे उसके दरबारी  भी उससे नाराज रहने लगे अतः अफगानी दरवारियों ने बाबर को काबुल से भारत पर आक्रमण काने के लिए आमान्तरण दिया 21 अप्रेल 1526 में पानीपत में बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच  भीषण युद्ध हुआ जिसमे इब्राहिम लोदी की हार हुयी।

 

बाबर के पास उच्च कोटि की सेना थी उनके पास 30000 से 35000 तक सेना थी इब्राहिम लोदी के पास 40000 से 45000 तक सेना थी लेकिन इब्राहिम लोदी के सेना में अलगाव की स्थिति बनी हुयी थी जो इब्राहिम लोदी के हार का कारण बना लेकिन इब्राहिम लोदी युद्ध में एककुशल  सैनिक की तरह लड़ा और 21 अप्रैल 1526 में उसकी मौत हो गयी और भारत में में लोदी वंश का खात्मा हो गया और मुग़ल वंस की नीव पड़ी।

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