भारत के 10 ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानिया

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भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि देश के हर हिस्से में आपको एक से बढ़कर एक ऐतिहासिक स्थल, प्राचीन किले और भव्य महल दिख जाएंगे। इन ऐतिहासिक स्थलों के पीछे छिपी है प्यार, वीरता, ताकत और युद्ध की प्रसिद्ध कहानियां ।

चलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि देश के 10 प्रमुख ऐतिहासिक स्थल और उनसे जुड़ी कहानियों के बारे में…..

ताज महल

जब भारतीय ऐतिहासिक स्थलों की बात आती है तो उसमें पहले नंबर पर आता है प्यार का प्रतीक ताज महल। सफेद संगमरमर से तैयार ताज महल को 1632 ईसवीं में शाहजहां ने पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था। इस भव्य और शानदार सरंचना को बनने में 22 साल का वक्त लगा।

कुतुब मीनार

कुतुब मीनार को उत्तर भारत में पहले मुस्लिम साम्राज्य के स्थल के रूप में जाना जाता है और यह उस जमाने की मुस्लिम वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है जिसका निर्माण सैंडस्टोन यानी बलुआ पत्थर से किया गया था। इस मीनार में कुरान से ली गई कई आयतें भी उकेरी गई हैं जो मुख्य रूप से अरबी भाषा में है। भारत के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर इस मीनार का नाम कुतुब मीनार पड़ा ।

लाल किला

जब मुगल शासक शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट की तब उन्होंने लाल किले का निर्माण करवाया जिसे बनने में करीब 10 साल का वक्त लगा। 1638 से 1648 के बीच लाल किले का निर्माण हुआ और उस वक्त उसका नाम किला-ए-मुबारक था। लाल पत्थर से बने इस किले का आज भी कितना अधिक महत्व है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से ही देश को संबोधित करते हैं।

हुमांयू का मकबरा

भारतीय और ईरानी वास्तुकला का बेहतरी संकलन दिखता है हुमांयू के मकबरे में जो भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। हुमांयू की बीवी हमीदा बानू बेगम ने 15वीं शताब्दी में अपने पति के लिए इस मकबरे का निर्माण करवाया था। इस जगह की सबसे खास बात यह है कि यहां आपको हुमांयू के मकबरे के अलावा बेहद खूबसूरत गार्डन भी देखने को मिलेगा।

फतेहपुर सीकरी

आगरा से 40 किलोमीटर दूर स्थित है फतेहपुर सीकरी शहर। मुगल शासक अकबर के शासनकाल में शाही शहर फतेहपुर सीकरी ही मुगलों की राजधानी थी। एक समय था जब यहां एक से एक महल, आम लोगों के लिए अलग इमारतें, मस्जिद, राजा के लिए अलग महल, सेना और नौकरशाहों के लिए अलग इमारतें थीं। इस शहर की पहचान है यहां का बुलंद दरवाजा। साथ ही यह प्राचीन शहर सूफी संत सलील चिस्ती का भी घर था।

हवा महल

इस महल का नाम हवा महल इसलिए भी पड़ा क्योंकि जब आप इस महल के अंदर जाएंगे तो भले ही बाहर हवा न चल रही हो लेकिन ठंडक और हवा का अहसासा होगा। इस महल में 953 खिड़कियां मौजूद है और इस महल का आकार सिर पर रखे जाने वाले ताज के जैसा है। भगवान कृष्ण के सबसे बड़े भक्तों में से एक महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने इस महल का निर्माण करवाया था। जयपुर के दिल में स्थित हवा महल को लाल चंद उस्ताद ने डिजाइन किया था।

खजुराहो मंदिर

मध्य प्रदेश के छोटे से शहर खजुराहो में स्थित है खजुराहो का मंदिर जिसे यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट में जगह मिली हुई है यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसा माना जाता है कि खजुराहो के मंदिरों में कामुकता को बेहतरीन तरीके से दर्शाया गया है। हालांकि सिर्फ 10 प्रतिशत मूर्तियां ही कामुक हैं, बाकी कलाकृतियों में सामान्य चित्रण है।

सांची स्तूप

मध्य प्रदेश में स्थित सांची स्तूप में भगवान बुद्ध के अवशेष रखे हुए हैं और यह जगह बौद्ध धर्म का पालन करने वालों के लिए सबसे अहम धार्मिक स्थलों में से एक है। इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल का निर्माण 3 शताब्दी ईसा पूर्व सम्राट अशोक ने करवाया था । इस स्तूप का गुंबद कानून के पहिए को सूचित करता है। साथ ही माना जाता है कि यह स्तूप बुद्ध के जीवन और मृत्यु से आजादी के नियम का भी प्रतीक है।

कोणार्क मंदिर

गंग वंश के महान राजा नरसिम्हादेव 1 ने ओडिशा के पुरी शहर से 35 किलोमीटर दूर कोणार्क मंदिर का निर्माण करवाया था। बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों में से एक है जो अपनी प्राचीन वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहुर है।  इस मंदिर की खास बात यह है कि यह सूर्य देव को समर्पित है।

विक्टोरिया मेमोरियल

भारत में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कोलकाता स्थित विक्टोरिया मेमोरियल का निर्माण करवाया गया था। उस वक्त के वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने इस स्मारक का आइडिया दिया था लेकिन इसका वास्तविक डिजाइन सर विलियम इमरसन ने किया। इसके अंदर एक म्यूजियम है जो ब्रिटिश शासन की याद दिलाता है जिसमें हथियारों से लेकर,पेटिंग्स, कलाकृतियां, मूर्तियां और क्वीन विक्टोरिया की रॉयल पोट्रेट भी शामिल है।  

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