देश के 45 वें CJI (Chief Justice of India) दीपक मिश्रा – रोचक तथ्य

chief justice deepak mishra

एक नजर न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अनुभव के बारे में –

न्यायाधीश दीपक मिश्रा
न्यायाधीश दीपक मिश्रा

 

 

दीपक मिश्र     भारत के मुख्य न्यायाधीश

  कार्यकाल   28 अगस्त, 2017 – अवलंबी

द्वारा नामांकित जे एस खेहर

द्वारा नियुक्त राष्ट्रपति    राम नाथ कोविन्द
पूर्व अधिकारी जे एस खेहर

कार्यकाल 10 अक्टूबर 2011 – 27 अगस्त, 2017  न्यायाधीश, भारत का उच्चतम न्यायालय

  कार्यकाल  दिसंबर 2009 – मई 2010 ( मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय)

 कार्यकाल  24 मई 2010 – 10 अक्टूबर 2011 ( मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय)

जन्म 3 अक्टूबर 1953 (आयु 63) उड़ीसा

मुंबई ब्लास्ट केआरोपी  याकूब मेमन को फांसी की सजा जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने ही सुनाई थी। याकूब के मामले में आजाद भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में रात को ३ बजे तक सुनवाई चली थी। भारत के सुप्रीम कोर्ट में रात के वक्त सुनवाई करने वाली बेंच की अगुवाई जस्टिस दीपक मिश्रा ने ही की थी और दोनों पक्षों की दलील सुनने  के बाद याकूब की अर्जी खारिज कर दी थी और फिर उसी दिन  उसे फांसी हुई थी

30 नवंबर 2016 : ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई में ये फैसला हुआ की भारत के सभी सिनेमा घरो में मूवी सुरु होने से पहले राष्ट्र गान अनिवार्य कर दिया गया, राष्ट्रगान के सम्मान में सभी  लोगों को खड़ा होना होगा।

5 मई को बहुचर्चित निर्भया गैंग रेप केस -निर्भया केस के तीनो आरोपियों की सजा को बरक़रार रखा 

 

जस्टिस दीपक मिश्रा ने एक फैसले में दिल्ली पुलिस से कहा था कि वह एफआईआर Register करने  के 24 घंटे बाद उसे वेबसाइट पर अपलोड करे

देश का सबसे बड़ा मुद्दा अयोध्या का समाधान भी जस्टिस दीपक मिश्रा को ही करना है , इन्ही की  अगुवाई में स्पेशल बेंच बनाई गई है जो अयोध्या मामले की सुनवाई करेगी।

राजनितिक दृस्टि से भी दीपक मिश्रा की नियुक्ति बहुत मत्वपूर्ण है क्यों की आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 (A ) का मामला भी कोर्ट में चल रहा है

 

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