RTI (Right To Information) को सूचना का अधिकार भी कहा जाता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की कैसे आप आरटीआई कार्यकर्ता (Activist) बन सकते हैं। लेकिन इससे पहले यह जान लेते हैं कि आरटीआई एक्ट क्या है? वैसे तो सूचना का अधिकार यानी राईट टू इन्फोर्मेशन यानी (RTI) मौलिक अधिकार नहीं है लेकिन इसे नागरिकों को प्रदान किया गया है। चूंकि RTI भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार में अंतर्निहित है, इसलिए यह एक अंतर्निहित मौलिक अधिकार है। भारत में सूचना प्रकटीकरण परंपरागत रूप से आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 और विभिन्न अन्य विशेष कानूनों द्वारा प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन नया RTI एक्ट आने के बाद यह प्रतिबन्ध ख़त्म हो गया।
आरटीआई कार्यकर्ता का कार्य मुख्य रूप से आईपीएफ (IPF) की ओर से विभिन्न विभागों और संस्थानों में आरटीआई दाखिल करना होता है।
यह एक ऐसा पोर्टल है जिसके तहत आप अपनी शिकायतों को ऑनलाइन रजिस्टर करने की पूरी प्रक्रिया जान सकते है और साथ ही आप इसे निपटा भी सकते है। साथ ही साथ आपको इस बात की भी जानकारी मिलती है कि आपकी शिकायतों पर कहां तक एक्शन लिया गया और वह भी ऑनलाइन तरीके से घर बैठे बैठे। तो आप भी इस वेबसाइट से जुड़े और अपनी समस्या का समाधान करते रहें।
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