नई दिल्ली।बीते सोमवार से दिल्ली का निजामुद्दीन दरगाह का इलाका ”तब्लीगी जमात” के कारण अचानक से खबरों में आ गया और इसकी चर्चा लगातार हो रही है। हालांकि ऐसे कई लोग है जिन्हें इस शब्द का मतलब तक नहीं पता और ना ही इसका पूरा सच पता है। अचानक से सूर्खियों में आया यह शब्द अपने आप में पूणर्ता विश्लेषण के योग्य है।
इस इलाके में तब्लीगी जमात के कारण सैंकड़ों लोगों के कोरोना संक्रमित होने की बात भी सामने आई है। इसी बीच खबर आई की निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज (सेंटर) के एक कार्यक्रम में शामिल होने लगभग तीन हजार लोग देश-दुनिया से आए थे। मलेशिया और इंडोनेशिया समेत अन्य मुल्कों से इस धार्मिक सभा में हिस्सा लेने आए लोग कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अब सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं और आपको बता दें कि इसमें शामिल होने वाले लोग लगातार कोरोना पॉजिटीव हो रहे है जिनका सरकार ईलाज कर रही है।
जानिए क्या है तब्लीगी जमात?
तब्लीगी जमात की स्थापना को लेकर एक इतिहास है। दरअसल इसकी स्थापना 1926-27 में की गई थी। हुआ कुछ यूं कि मुगल काल में कई लोगों ने इस्लाम कबूल कर लिया था। मुगल काल के बाद जब अंग्रेजों की हुकूमत देश पर हुई तो आर्य समाज द्वारा फिर उन लोगों का शुद्धिकरण कर उन्हें हिन्दू धर्म में प्रवेश कराने की शुरूआत की गई। इसी के मद्देनज़र दूसरी तरफ मौलाना इलियास कांधलवी ने मुसलमानों के बीच इस्लाम की शिक्षा देने के लिए तबलीगी जमात की स्थापना की। उन्होंने निजामुद्दीन में स्थित मस्जिद में कुछ लोगों के साथ तबलीगी जमात का गठन किया। इसे मुसलमानों को अपने धर्म में बनाए रखना और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार और इसकी जानकारी देने के लिए शुरू किया।
बाकायदा शुरुआत?
तब्लीगी जमात की बाकायदा शुरुआत 1940-41 में हुई। पहली बार दिल्ली से सटे मेवात से हुई जहां खुद इसके संस्थापक मौलाना इलियास जमात लेकर गए।
जानिए क्या है तब्लीगी शब्द का अर्थ?
तब्लीगी का शाब्दिक अर्थ देखें तो इसका अर्थ होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला। जमात का मतलब होता है समूह। अब अगर तब्लीगी जमात का अर्थ एक साथ देखें तो अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह होगा।
जानिए मरकज क्या है?
मरकज का शाब्दिक अर्थ है मीटिंग वाली जगह। दरअसल, तब्लीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन के बंगले वाली मस्जिद में स्थित है।
क्या है इस संस्थान का उद्देश्य?
तब्लीगी जमात के मुख्य रूप से 6 उद्देश्य है। ये कलिमा (अल्लाह को एक मानना), सलात (नमाज), इल्म (शिक्षा), इक्राम-ए-मुस्लिम (, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तब्लीग है। इन्हीं बातों का ये लोग प्रचार करते हैं।
जानिए कैसे करती है यह काम?
ये समूह मरकज से अलग-अलग हिस्सों में प्रचार के लिए निकलती है। इसमें एक जमात (समूह) में आठ से दस लोग शामिल होते हैं। ये इस्लाम का प्रचार करते हैं।
जानिए क्या होता है इज्तेमा?
इज्तेमा तब्लीग़ी जमात का एक बेहद ख़ास उपक्रम है, जो मुसलमानों को अपनी बेसिक शिक्षाओं की तरफ लौटने की दावत देता है। इज्तेमा तीन दिन का एक सम्मलेन होता है जिसमें मुसलमान भारी संख्या में शिरकत करते हैं। न सिर्फ आम मुसलमान बल्कि इस्लामिक स्कॉलर, आलीम वगैरह यहां इकट्ठे होते हैं। इसमें आम तौर पर यह कहा जाता है कि दुनिया को बदलने से पहले खुद को बदलिए। खुद को बेहतर बनाइए, दुनिया खुद ब खुद बेहतर हो जाएगी। भारत का सबसे बड़ा इज्तेमा हर साल भोपाल में आयोजित होता है। जिसमें तकरीबन दस लाख लोग पहुंचते हैं। वहीं दुनिया का सबसे बड़ा इज्तेमा बांग्लादेश के ढाका में होता है। इज्तमे में तकरीबन पचास लाख लोग शामिल होते हैं।
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