Home #janhitmejaari आरबीआई के ऐतिहासिक फैसले से क्या घटेगा आपका EMI

आरबीआई के ऐतिहासिक फैसले से क्या घटेगा आपका EMI

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। एसबीआई ने सभी अवधि के कर्ज पर ब्याज दर 0.15 प्रतिशत घटाने की घोषणा की है। ये नई दरें 10 अगस्त से लागू होंगी। एसबीआई की एक साल की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलएलआर) 8.25 प्रतिशत हुई।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। अब रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गई है। वहीं रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) 5.15 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा आरबीआई ने जीडीपी अनुमानों में भी बदलाव किया है। पहले जीडीपी का 7 फीसदी रहने के अनुमान रखा गया था जिसे घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया है।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच रिजर्व बैंक आज बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लगातार चौथी बार ब्याज दरों में कटौती की है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन पर पड़ेगा और ग्राहकों की ईएमआई कम होगी।

2 सदस्य थे कटौती से असहमत

आरबीआई के 6 सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के 2 सदस्य चेतन घटे और पामी दुआ, 0.35 फीसदी की कटौती के पक्ष में नहीं थे। वह 0.25 फीसदी कटौती चाहते थे, हालांकि अन्य 4 सदस्य रविंद्र ढोलकिया, देवब्रत पात्रा, बिभु प्रसाद और गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कटौती का समर्थन किया है।

आरबीआई का ऐतिहासिक फैसला

आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है, यानी अगस्त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है, वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है। बता दें कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्त हुए थे। इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है।

आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है। दरअसल, आरबीआई के रेपो कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनेगा, बता दें कि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्मीद के मुताबित ग्राहकों तक फायद नहीं पहुंचाया है। यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था।

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