आंध्र प्रदेश की राजधानी, हैदराबाद, दक्षिण भारत का भट ही चर्चा में रहने वाला पयर्टन स्थान है। 1591 में मोहम्मद कुली क़ुतुब शाही द्वारा इसे स्थापित किया गया था। अगर पिछली कथाओं को माना जाये तो हैदराबाद का नाम कुली कुटुम शाह और भागमती की मनोरंजक और दिलचस्प प्रेम कहानी पर बनाया गया था। ऐसा भी बताया जाता है कि सुल्तान भागमती के प्यार में पड़ गया था जो एक नाचने वाली लड़की थी। तो ऐसे ही अपने प्यार को नाम देने के लिए कुली क़ुतुब ने इस शहर का नाम भाग्यनगर रख दिया। जब उन्होंने इस्लाम को प्राप्त कर लिया तो सुल्तान ने छिपकर शादी करवा ली और उनका नाम हैदर महल पड़ गया। तो इसी बात पर बाद में इस शहर का नाम हैदराबाद पड़ा। कुतुब शाह वंश ने हैदराबाद पर लगभग 100 सालों तक राज किया। हैदराबाद की भूगोल सम्भंदित स्थिति बहुत ही रोचक है। यह उस जगह पर है जहां से उत्तर भारत समाप्त होता है और दक्षिण भारत आरम्भ। पिछले समय से ही साहित्य, संगीत और कला का केंद्र है हैदराबाद। यहाँ स्थानीय व्यंजन देश के अलग अलग भागों के खान पान का मेल जोल है। इस व्यंजन के लुफ्त का तो कोई मेल ही नहीं है। हैदराबाद की दम बिरयानी पूरी ही दुनिया में प्रसिद्ध है।
इस शहर के हर परिवार को अलग अलग व्यंजन बनाना आता है और यह हुनर इनको एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी से मिलता है। अगर हैदराबाद की बाकी शहरों से तुलना करें तो यह दुनिया के मानचित्र का एक मुख्य शहर है, जो की इसकी अच्छी तकनीकी के कारण। बहुत ही ज़्यादा संख्या में लोग पूरे भारत से हाईटेक कार्पोरेट ऑफिस में काम के लिए आते हैं।
हैदराबाद में खाओ गली, चूड़ी बाजार, मीनार और किलों से बहुत ही ज़्यादा रौनक है। यह सारी जगहाएं देखने में तो काफी पुरानी लगती है लेकिन इसके निजामों के समय के भाव को अभी भी बचा कर रखा हुआ है। अगर हैदराबाद की पुरानी गलियों में से गुज़रें तो आपको काफी कुछ सीखने को मिलेगा को किसी भी इतिहास में नहीं है। कुली क़ुतुब शाह और भागमती की प्रेम कहानी का सुबूत, गोलकुंडा किला आज भी खड़ा हुआ है। ऐसा कहा जा सकता है की सिर्फ हैदराबाद ही देश का शहर है जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान तो बनाई ही है पर साथ में ही टेक्नोलॉजी को भी अधिकार दिया है। पीछे बीस सालों में देखा जाये तो भारत में इंजीनियर की मांग के कारण कितने ही इंजीनियरिंग कॉलेज खुले हैं। असल में हैदराबाद और साथ की जगहों के इंजीनियरिंग कॉलेज बाकियों से बेहतर इंजीनियर बनाते हैं। यहाँ बहुत सारी मल्टी नेशनल कम्पनीज हैं जो इस बात का सुबूत देती हैं। युवाओं को आईटी और आईटीईएस की कंपनी के द्वारा रोजगार के नए और अच्छे मौके मिले।
पूरे देश से हैदराबाद में युवा शिक्षा और रोजगार के लिए आते हैं। यह शहर बहुत ही सुरक्षित है क्यूंकि इसकी क़ानूनी व्यवस्था बहुत ही चुस्त है। यह सब चीज़ें इसी वजह से मानी जा सकती है कि लोगों ने अपने परिचय को बनाये रखते हुए परिवर्तन को अपनाया है। इस शहर में घूमने के लिए बहुत सारी जगह हैं और यह यह पर्यटकों के साथ ही इतिहासकारों के लिए भी काफी चर्चित है। हैदराबाद और पास के कुछ खास पयर्टन जगहों में सलार जंग संग्रहालय, चारमीनार, हुसैन सागर झील और गोलकुंडा किला है। जब हैदराबाद में ठंड होती है तब भी मॉसम गर्म हो जाता है इस लिए इस शहर में तभी ही जाना चाहिए जब मौसम ठीक हो। पयर्टक चाहे देसी हों या विदेशी, हैदराबाद में पहुंचना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। रेल, सड़क और हवाई के द्वारा इस शहर में आराम से पहुंचा जा सकता है।
Comments
comments