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आयोध्या का नया स्वरूप होगा Siem Reap जैसा ! जानिए क्या है योगी सरकार की तैयारी

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आयोध्या का नया स्वरूप होगा Siem Reap जैसा! जानें क्या है योगी सरकार की तैयारी

आयोध्या फैंसला आने के बाद से ही राम मंदिर निर्माण की कवायद तेज हो गयी है। राममंदिर कैसे बनाना है या फिर आयोध्या का विकास कैसा किया जाए दोनों ही मुद्दों पर योगी सरकार विचार-विमर्श करने में जुट गयी है। आपको बता दें कि यूपी सरकार ने कहा था कि आयोध्या को राम मंदिर निर्माण के साथ आध्यात्म और पर्यटन का केंद्र बनाएंगे।

सरकार जनता से किए हुए अपने उसी वादे को पूरा करने में जुटी हुई है। सुत्रों की मुताबिक हाल हीं में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग ने योगी सरकार के सामने आयोध्या का विकास कंबोडिया के शहर सीएम रीप की तरह करने का प्रस्ताव पेश किया है। सीएम रीप आधुनिकता और प्राचीनता का मिश्रण है। जहां प्राचीन मंदिरों के साथ आधुनिक सुख सुविधाएं भी मौजूद हैं।

आयोध्या को लेकर योगी सरकार का प्रस्ताव-

योगी सरकार ने हाल ही में आयोध्या में कंबोडिया के सीएम रिप की तरह सरयू नदी के किनारे इक्ष्वाकुपुरी बसाने का एक प्रस्ताव तैयार किया है। आपको बता दें लगभग 2 करोड़ एकड़ में प्रस्तावित यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी आयोध्या का गेटवे भी होगा।

सीएम रीप क्यों है खास-

सीएम रीप की बात करें तो यह उत्तरी पश्चिमी कंबोडिया के सीएम रीप प्रांत की राजधानी है। इसे अंकोर क्षेत्र का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यहां से लगभग साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी पर अंकोर क्षेत्र स्थित है। आपको बता दें कि अंकोर क्षेत्र में मंदिरों की भरमार है, जिन्हें देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। बाहरवीं शताबदी में बनाए गए अंकोर के यह सभी मंदिर आध्यात्मिक केंद्र हैं।

अंकोरवाट के सीएम रीप जैसा आयोध्या में भी बनेगा गेटवे-

कंबोडिया में स्थित अंकोरवाट एक मंदिर परिसर और दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है।यह मूल रूप से खमेर साम्राज्य के लिए भगवान विष्णु के एक हिंदू मंदिर के रूप में बनाया गया था, जो धीरे-धीरे 12 वीं शताब्दी के अंत में बौद्ध मंदिर में परिवर्तित हो गया था। आपको बता दें कि सीएम रीप अंकोरवाट के गेटवे के रूप में जाना जाता है। योगी सरकार भी राममंदिर निर्माण से पहले ऐसे ही एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गेटवे तैयार करने की योजना बना रही है। यह गेटवे आयोध्या आने वाले सभी श्रद्धालुओं और टूरिस्ट को आकर्षित करेगा। प्रस्ताव के अनुसार गेटवे से केवल इलेक्ट्रिक और बैटरी से चलने वाले वाहनों को प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी।

कहां बनाया जाएगा इक्ष्वाकुपुरी-

इक्ष्वाकुपुरी को आयोध्या-गोंड़ा मार्ग पर गुप्तार घाट के पास सरयू नदी के किनारे बनाया जाएगा। इसके निर्माण से रिवर फ्रंट का विकास भी होगा। बता दें कि इक्ष्वाकुपुरी को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। ऐसा करने से आयोध्या की प्रकृतिक सुंदरता और सहजता बरकरार रहेगी।

इक्ष्वाकुपुरी की विशेष्ताएं-

  1. इक्ष्वाकुपुरी में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का पूरा चित्रण होगा।
  2. इसके एंट्री पॉइंट से जन्मभूमि की दूरी करीब ढाई किलोमीटर होगी।
  3. नगरी के बीच से रामजन्मभूमि तक 100 मीटर से अधिक चौड़ा पाथवे बनेगा, जो नो वीइकल जोन होगा।
  4. इसके किनारे इक्ष्वाकुवंशी राजाओं की भी प्रतिमा लगाई जाएगी, जिसमें उनके पूरे इतिहास की जानकारी होगी।
  5. अयोध्या में प्रस्तावित भगवान राम की 251 मीटर की भव्य प्रतिमा को भी इक्ष्वाकुपुरी के सेंटर में ही स्थापित किया जाएगा।
  6. इक्ष्वाकुपुरी में वैदिक काल से लेकर महाकाव्य काल के चित्रण और उसके भावभूमि से दर्शकों को परिचित कराने की तैयारी है।

 

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