Diarrhoea जिसे हिन्दी में दस्त कहते है, पेट से जुड़ी एक बीमारी है। दस्त ज्यादातर छोटे बच्चे या फ़िर बुजुर्गौ को होता है क्युकी इनकी प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है। दस्त में पेट में मरोड़ होता है और पानी के समान लट्रिन होती है। आइये जानें इसके कुछ घरेलु उपाय : कच्चा केला : कच्चा केला दस्त में बहुत लाभकारी होता है।केले को उबालकर उसमे नमक डालकर खाने से दस्त में आराम मिलता है। जीरा : भुना हुआ जीरा दस्त में बहुत फायदेमंद होता है।भुना हुआ जीरा गरम पानी के साथ लेने मेंपेट में आराम मिलता है तथा पेट की गर्मी को दूर करता है छोटी इलाएची : छोटी इलायची पेट मरोड़ में बहुत लाभकारी होती है ORS: सभी डॉक्टर दस्त में ORS की सलाह देते है।ORS नमक, चीनी का पाऊडर होता है, इसे पानी में घोलकर पीने से पेट में पानी की कमी नहीँ होती तथा ये पेट के कीटाणु को दूर करता है। बच्चो के लिये ये बहुत लाभकारी है । मेथी : मेथी भी दस्त मेंब हुत फायदेमंद होती है।मेथी को कच्चे खाने से पेट मरोड़ में फायदा मिलता है । चायपत्ती : चायपत्ती को पानी के साथ खाने से पेट में जलन से राहत मिलती है।ये पेट को ठंडा भी रखता है । दस्त को रोकने की अन्य विधियाँ या सावधानियां: अच्छी साफ़-सफाई बनाये रखें: खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद साबुन और पानी से सही ढंग से हाथ धोने से कई डायरिया संबंधी बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है। खाने वाली चीजों की सुरक्षा: जो चीजें आप खाएं या पियें, वह शुद्ध और स्वच्छ होनी चाहिए। इसके अलावा अधपका या कच्चा भोजन खाने से बचें और बोतलबंद या शुद्ध पानी पियें। स्वस्थ डाइट बनाए रखें: प्रचुर मात्रा में फलों और सब्जियों के साथ संतुलित डाइट खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और दस्त लगने की सम्भावना नहीं बनती है। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। हाइड्रेटेड रहें: दस्त से शरीर में पानी की कमी यानी डीहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए दस्त का अनुभव होने पर पानी, ओरल हाइड्रेशन सॉल्यूशन और शोरबा जैसे बहुत सारे तरल पदार्थ पीना जरूरी है। जिन्हे खाने से दस्त होता है उन्हें न खाएं। कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो दस्त की समस्या को पैदा कर सकते हैं या बढ़ा सकते हैं। इन ट्रिगर खाद्य पदार्थों की पहचान करना और उनसे बचना मददगार हो सकता है। सुरक्षित सेक्स का अभ्यास करें: कुछ यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) एक लक्षण के रूप में दस्त का कारण बन सकते हैं। सुरक्षित यौन संबंध बनाने और नियमित एसटीआई जांच कराने से इन संक्रमणों को रोकने में मदद मिल सकती है। टीका लगवाएं: कुछ टीके कुछ दस्त संबंधी बीमारियों, जैसे रोटावायरस (बच्चों में आम) से सुरक्षा दिला सकते हैं। यह जानने के लिए कि आपको या आपके बच्चे को टीका लगाया जाना चाहिए या नहीं, अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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