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विदाई पर कविता – सेवानिवृति पर कविताएँ

वक्त की हो तेज धूप या तेज़ हो आँधीयाँ
कुछ कदमों के निशा कभी नहीँ खोते
जिन्हें याद करके मुस्कुरा दे येआँखे
वो लोग दूर होकर भी दूर नहीँ होते

हर क़दम हर पल साथ हैं
दूर होकर भी हम आपके पास हैं
आपका ना हो पर हमें आपकी कसम
आपकी कमी का हर पल एहसास है

कुछ लोग दिल पर इस कदर असर कर जाते हैं
टूटे हुए शीशे से भी साबुत नज़र आते हैं
मिलते तो हैं घड़ी भर के लिये
मगर दिल में उतर जाते हैं

दोस्तों से ही दोस्ती की शान होती है
ना हो दोस्त तो महफिल भी अनजान होती है
दोस्ती से ही जहाँ है कायम यारो
दोस्ती ही रिश्तों पहचान होती है

वक्त नूर को बेनूर कर देता है
छोटे से जख्म को नासूर कर देता है
कौन चाहता है अपने से दूर होना
लेकिन वक्त सबको मजबूर कर देता है

उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको
हम तो कुछ देने के काबिल नहीँ हैं
देने वाला हजार खुशियाँ दे आपको

अलविदा कहने का दर्द दिल में बसा है,
पर आपके लिए खुशियों की दुआ हमेशा साथ है।

आपकी विदाई के दिन, हम सब दुआएँ देते हैं,
कि आपका सफर सफल हो, यही हम चाहते हैं।

आपके जाने से हमें हो रहा है दुख,
पर आपके सफल सफर की कामना करते हैं हम।

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